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सिंडिकेट से चलती सरकार
तारकेश्वर मिश्र िवधानसभा चुनाव की धमाचौकड़ी में हर रोज कोई न कोई नया धमाका होता िदख रहा है. शायद यही वजह है कि आम जनता गंभीर से गंभीर मुद्दे काे अब सामान्य रूप से लेने लगी है. नारदा स्टिंग के वीडियो से राज्य सरकार के कुछ नेताआें पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, तो यह मुद्दा […]
तारकेश्वर मिश्र
िवधानसभा चुनाव की धमाचौकड़ी में हर रोज कोई न कोई नया धमाका होता िदख रहा है. शायद यही वजह है कि आम जनता गंभीर से गंभीर मुद्दे काे अब सामान्य रूप से लेने लगी है. नारदा स्टिंग के वीडियो से राज्य सरकार के कुछ नेताआें पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे, तो यह मुद्दा कुछ दिनों तक चर्चा मेें रहा.
इसी बीच बड़ाबाजार में आेवरब्रिज का एक हिस्सा गिर गया. दर्जनों लोगों की जान चली गयी आैर सैकड़ों लोग घायल हो गये. इसमें भी सत्ताधारी दल के खिलाफ कई मुद्दे उभर कर सामने आ गये. लगभग एक दर्जन से अधिक नेताआें तथा कई पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोपों से जूझ रही तृणमूल कांग्रेस की आेर से इन सभी आराेपों का समुचित जवाब देने की तैयारी चल ही रही थी, तभी पिछले मंगलवार को िवधाननगर के मेयर का स्टिंग सामने आ गया. मेयर सब्यसाची दत्त तृणमूल कांग्रेस के सुलझे हुए कद्दावर नेताआें में गिने जाते हैं.
उन्होंने कैमरे के सामने जो बताया, उससे तृणमूल सरकार के पिछले पांच वर्षों के कामकाज का अंदाजा लगाया जा सकता है. सब्यसाची दत्त ने कहा : िवधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए 50-60 लाख रुपये लगेंगे. पांच लाख रुपये पार्टी देगी आैर प्रत्याशी को पांच लाख रुपये खुद खर्च करने होंगे. बाकी के पैसे तो सिंडिकेट से जुड़े लोग ही खर्च करेंगे. िसंडिकेट के बारे में हाल के महीनों में खूब चर्चा होती रही है. कहा जाता है कि सरकार से अगर कोई काम पाना है तो आपको िसंडिकेट का सदस्य होना पड़ेगा.
आम नागरिक अथवा प्रमोटर को किसी इलाके में घर बनाना है तो भवन सामग्री से लेकर मजदूर तक िसंडिकेट से ही लेना पड़ेगा. मेयर ने यह भी कह िदया कि अगर किसी ने सिंडिकेट को छेड़ने की कोशिश की, तो फिर राज्य सरकार ही गिर जायेगी. भारतीय जनता पार्टी ने भले ही अपने लाभ के लिए इस स्टिंग के वीडियो को जारी किया हो, लेकिन मेयर का कथन पूरी व्यवस्था के लिए एक चुनौती है. यह आनेवाली िकसी भी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. चंूकि अभी चुनाव का माहौल है, तो प्राय: सभी लोग इस अत्यंत गंभीर िवषय को भी चुनाव के एक सामान्य मुद्दे के रूप में ही ले रहे हैं, लेकिन अगर हम इस बयान के परिप्रेक्ष्य मेें पीछे मुड़कर देखें, तो पता चलता है कि कोलकाता महानगर आैर उपनगरों में इस िसंडिकेट की आड़ मेें हजारों अपराध हो चुके हैं.
दर्जनों हत्याआें के लिए कहीं न कहीं िसंडिकेट का जाल ही मुख्य कारण था. ऐसा भी नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसके बारे में पता नहीं है. लगभग एक माह पूर्व पार्टी के एक सम्मेलन में ममता ने पार्टी के नेताआें आैर कार्यकर्ता को िसंडिकेट को लेकर खूब फटकार लगायी थी. साथ ही चेतावनी भी दी थी िक-” अब अगर कहीं से भी सिंडिकेट की खबर िमली, तो ऐसे लोग कान पकड़ कर पार्टी से िनकाल िदये जायेंगे.
” तो क्या यह मान िलया जाये कि पार्टी सुप्रीमो की चेतावनी का कोई असर ही नहीं हुआ, क्योंकि अगर असर हुआ होता, तो आज चुनाव में िसंडिकेट से जुड़े लोगों से पैसे लगवाने की बात ही नहीं होती. आज जो भी व्यक्ति किसी नेता के लिए चुनाव में पैसे लगायेगा. वो सत्ता में आने पर अपने पैसे की भरपाई भी चाहेगा आैर फिर िसंडिकेट का जाल कभी भी नहीं तोड़ा जा सकेगा. िवधाननगर के मेयर के स्टिंग पर अब तक तृणमूल कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता की कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल एक चुनाव सभा में बड़े ही संयमित शब्दों मेें केवल इतना ही कहा- ” जो भी गलत हुआ है, उसके लिए दोषी मैं ही हूं. ” इस बयान का कोई अर्थ भी नहीं िनकलता है. इस गंभीर िवषय पर मुख्यमंत्री की चुप्पी को उनकी ही पार्टी के लोग स्वीकारोक्ति मानकर उसी व्यवस्था में चलते रहंेगे, िजसकी चर्चा िवधाननगर के मेयर के िस्टंग में सामने आ चुकी है. अर्थात चुनाव में सरकार िकसी की भी बने, वो सिंडिकेट के जाल में घिरी रहेगी.
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