अदालत सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला दोनों ही निदेशकों की जिम्मेदारी कोलकाता में ब्रिज निर्माण की देखरेख करना था, लेकिन चार महीने से दोनों में से कोई निदेशक घटनास्थल पर देखरेख के लिए नहीं आये थे. इसके अलावा जिन दोनों चीफ इंजीनियरों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से एक की ड्यूटी घटना के पहले की रात को थी, जबकि दूसरे की ड्यूटी घटना वाले दिन को थी, इन दोनों ही इंजीनियरों की देखरेख में ब्रिज निर्माण का काम चल रहा था.
इसके कारण दोनों को ही गिरफ्तार किया गया. लिहाजा जांच के सिलसिले में सभी को पुलिस हिरासत में भेजने की जरूरत है. पूरी सुनवाई के दौरान अदालत ने चारों गिरफ्तार आरोपियों को 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दे दिया. इस घटना में इस कंपनी के चार अन्य अधिकारी पहले से 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में हैं.