आसनसोल: कोयला खदान व ग्रामीण संस्कृति के सम्मिश्रण को जीते डामरा इलाके में पहली बार कोलफील्ड उत्सव का आयोजन सांस्कृतिक गतिविधियों की दिशा में सार्थक कदम है. यही कारण है कि कोलियरी खनिकों के साथ-साथ ग्रामीणों में भी इसको लेकर काफी उल्लास व उत्साह है. गुरुवार को इसके उद्घाटन समारोह में राज्य की प्रमुख नाटय़कर्मी अर्पिता घोष, इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश सिन्हा तथा पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल शामिल होंगे. तैयारियों को फिनिशिंग टच दिया जा रहा है.
मिश्रित संस्कृति है विशिष्टता
आयोजन समिति के सचिव व आसनसोल नगर निगम के चेयरमैन जितेंद्र तिवारी ने आयोजन स्थल पर कहा कि शहर के अंतिम छोड़ पर बसे इस इलाके की विशिष्टता कोलियरी खदानों के श्रमिकों व ग्रामीणों खासकर आदिवासियों के बेहतर एकता की है. हाल के दिनों में इसमें और भी मजबूती आयी है. यही कारण है कि मुख्य चौराहे पर आदिवासी नेता रघुनाथ मुमरू तथा ग्रामीण इलाके में हिंदी के मूर्धन्य कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रतिमा स्थापित होती है. उन्होंने कहा कि इस इलाके में विकास जारी है लेकिन सांस्कृतिक मोर्चे पर शून्यता की स्थिति थी. समृद्ध व उच्चतर मानसिकता के लिए संस्कृति आवश्यक है तथा इसी सोच के तहत इसका आयोजन किया गया है. चार दिनों के इस आयोजन में बांग्ला व हिंदी संस्कृति को समान रुप से शामिल किया गया है. दो दिन हिंदी, एक दिन बांग्ला तथा एक दिन बाउल गीत का आयोजन होगा.
पांच सौ आदिवासी लाभुक
मेयर तथा कमेटी के अध्यक्ष श्री बनर्जी ने कहा कि पहला आयोजन होने के कारण भले ही भव्यता में कमी हो सकती है, लेकिन संदेश व सम्प्रेषणता में काफी समृद्धि है. आयोजन स्थल पर विभिन्न स्टॉल लगाये जा रहे हैं. इनमें आरके मिशन का बुक स्टॉल, स्थानीय चित्रकारों की पेंटिंग, आदिवासियों की हस्तकला तथा लोक संस्कृति की सामग्रियां शामिल होंगी. पांच सौ आदिवासी के बीच कंबल का वितरण किया जायेगा.
निवासियों में उल्लास
आयोजन को लेकर कोयला कर्मियों व ग्रामीणों में भारी उल्लास है. यही कारण है कि क्रिसमस के दिन भी बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी आयोजन से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय रहे. इनमें पूण्रेन्दू राय, सौगत राय, प्रभात सिंह, विवेक बनर्जी, बादल मिश्र, स्वाधीन जस, प्रताप सिंह, छोटू सिंह, संजय राय, पन्नालाल हाजरा उर्फ लालटू, बापी बनर्जी, चंडी चट्टोराज आदि ने कहा कि सार्तक प्रयास में सबकी भागीदारी है तथा आनेवाले समय में इसकी भव्यता व सामग्रिकता में वृद्धि ही होगी.