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नेताजी की फाइलें नष्ट को लेकर सिद्धार्थनाथ बोले, कांग्रेस-सीपीएम जवाब दें
भाजपा के प्रदेश उपप्रभारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि जिस देशभक्त नेताजी ने अपना पूरा जीवन देश के लिए कुरबान कर दिया, उस सपूत के बारे में जनता को जानने का पूरा अधिकार है. आखिर क्या कारण था कि तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने नेताजी की फाइलों को नष्ट करवा दिया. सोनिया गांधी, […]
भाजपा के प्रदेश उपप्रभारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि जिस देशभक्त नेताजी ने अपना पूरा जीवन देश के लिए कुरबान कर दिया, उस सपूत के बारे में जनता को जानने का पूरा अधिकार है. आखिर क्या कारण था कि तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार ने नेताजी की फाइलों को नष्ट करवा दिया. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सीपीएम नेता प्रकाश करात को इसका जबाव देना चाहिए.
कोलकाता : भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस को कटघरे में खड़े करते हुए सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को डर था कि कहीं नेताजी की लोकप्रियता उनके लिए मुसीबत न बन जाय. श्री सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने नेताजी की 50 फाइलों को मंगलवार को सार्वजनिक किया. फाइलों को देख कर पता चलता है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नेताजी की कई महत्वपूर्ण गोपनीय फाइलों को नष्ट कर दिया था. सवाल उठता है कि उन फाइलों में ऐसी कौन सी बातें थीं जिसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार हमेशा के लिए दफन करना चाहती थी जबकि उसी दौरान नेताजी के लापता होने की जांच घोसला कमेटी कर रही थी. इसका जवाब कांग्रेस सुप्रीमों सोनिया गांधी व राहुल गांधी को देना चाहिए.
इस दौरान श्री सिंह ने कांग्रेस और सीपीएम गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टियों का चरित्र एक जैसा है. एक ने जहां देशभक्त नेताजी की सच्चाई को दफन करने का प्रयास किया वहीं सीपीएम ने नेताजी के संबंध में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें अपमानित किया है.
नेताजी के गोपनीय तथ्यों को सामने लाने के लिए बने कमेटी : नेताजी के लापता होने संबंधी सत्य को उजागर करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल की सराहना करते हुए उनसे मांग करता हूं कि सारी फाइलों के उजागर होने के बाद भारत सरकार एक हाई लेबल कमेटी का गठन करे, जो नेताजी की फाइलों के गायब होने की पूरी जांच करे. जांच में दोषी पाये जाने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. इस दौरान उन्होंने माकपा नेता सूर्यकांत मिश्र के उस आरोप का उत्तर देते हुए कहा कि वह कहते हैं कि भाजपा और तृणमूल का मैच फिक्सिंग है. यदि ऐसा होता तो फिर हमनें ममता बनर्जी से नारद रिश्वत कांड की जांच की मांग की थी जिसे उन्हें तुरंत मान जाना चाहिए था और जांच के बाद हम नारद रिश्वत कांड के वीडियों को फर्जी करार देते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इससे सिद्ध होता है कि सूर्यकांत का आरोप गलत है.
इसके साथ ही श्री सिंह ने ममता बनर्जी के उस आरोप जिसमें उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर रवींद्रनाथ का अपमान करने का आरोप लगाया उसका जबाव देते हुए कहा कि पहले वह खुद रवींद्रनाथ के आदर्शों का पालन करें उसके बाद हमें किसी तरह की सलाह दें. क्या ममता बनर्जी को गार्डेनरीच का विस्फोट, खागड़ागढ़ का विस्फोट, वीरभूम और पिंगला कांड नहीं या जनता नहीं जानती.
नेताजी की फाइलों के नष्ट होने की हो जांच : तृणमूल
केंद्र सरकार ने मंगलवार को नेताजी से संबंधित और 50 फाइलों को सार्वजनिक किया. इन फाइलों को देखने के बाद स्पष्ट हो गया कि नेताजी की गुमशुदगी से संबंधित कई फाइलों को नष्ट किया गया है. जब इन फाइलाें को नष्ट किया गया, उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी. अब इस मामले में राजनीतिक सरगरमी बढ़ गयी है. तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर राय ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके. गौरतलब है कि नेताजी से संबंधित फाइल नंबर 12 (226)/56PM को छह मार्च 1972 को नष्ट कर दिया गया था. इसके अलावा एक और फाइल नंबर 23(156)/51PM को भी जला दिया गया है. इसके साथ-साथ एक और फाइल नंबर 2 (381)/60-66PM का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. सिर्फ यही नहीं, केंद्र सरकार ने एक पुस्तक ‘ ए हिस्ट्री ऑफ द इंडियन आर्मी-1942-45’ के प्रकाशन पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. वर्ष 1949-50 में भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के इतिहास विभाग ने इसका ड्रॉफ्ट तैयार किया था. तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार से बिना किसी देर के इस पुस्तक को प्रकाशित करने की मांग की है, ताकि सात दशक पहले हुई घटना का सच लोग जान सकें.
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