मुख्य सचिव निर्देश का पालन नहीं कर रहे. वह क्या भगवान हैं? भले ही चुनाव का कितना ही काम क्यों न हो, गुरुवार सुबह 10 बजे के भीतर सोशल वेलफेयर अधिकारी को नियुक्ति के संबंध में जवाब देना होगा. योग्य व्यक्ति जो नौकरी न मिल पाने के कारण वेतन से वंचित रहा, उसका वेतन उन्हें देना होगा.
उल्लेखनीय है कि बजबज-1 ब्लॉक में वर्ष 2007 में 39 आंगनबाड़ी कर्मियों की नियुक्ति हुई थी. नौकरी के लिए अंडर ग्रेजुएट होने की शर्त थी, लेकिन ग्रेजुएट उम्मीदवारों को नौकरी मिली. इसके बाद नौकरी नहीं पानेवालों ने हाइकोर्ट में मामला दायर किया. पहले यह मामला न्यायाधीश दीपंकर दत्त की अदालत में गया. वर्ष 2014 में इससे संबंधित आरोप प्रमाणित हो गये, लेकिन जिन लोगों को नौकरी मिली थी, उन्हें नौकरी से हटाया नहीं गया. हाल ही में बरखास्तगी का नोटिस जारी होने पर आरोपियों ने मामला दायर किया. उक्त मामले के कागजात को देखने के बाद न्यायाधीश ने नाराजगी व्यक्त की.