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अनएडिटेड वीडियो फुटेज जमा करने का निर्देश

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने नारद न्यूज पोर्टल को अनएडिटेड वीडियो फुटेज जमा करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें तृणमूल नेताओं को तथाकथित तौर पर घूस लेते दिखाया गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है. हाइकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते […]

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने नारद न्यूज पोर्टल को अनएडिटेड वीडियो फुटेज जमा करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें तृणमूल नेताओं को तथाकथित तौर पर घूस लेते दिखाया गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है.

हाइकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए नारद न्यूज को अपनी कंपनी के गठन से संबंधित जानकारी हलफनामे के तौर पर पांच अप्रैल तक देनी होगी. इसके अलावा उसे वीडियो रॉ फुटेज तथा जिन उपकरणों से वीडियो लिये गये हैं, उस भी अदालत में आठ अप्रैल को जमा करना होगा. तृणमूल की ओर से वकील कल्याण बनर्जी ने अदालत में दावा किया कि वीडियो से छेड़छाड़ की गयी है और अदालत से अनुरोध किया कि इस संबंध में कोई भी फैसला राज्य विधानसभा चुनाव पूरा होने तक न सुनाया जाये, क्योंकि इससे चुनाव पर असर पड़ सकता है.

हालांकि अदालत ने अनुरोध को खारिज कर आठ अप्रैल को अगली सुनवाई निर्धारित की है. कल्याण बनर्जी का यह भी कहना था कि वीडियो 2014 का है.

वीडियो में दिये जा रहे पैसे रिश्वत हैं या फिर अनुदान, यह भी देखा जाना चाहिए. कांग्रेस की ओर से अदालत में जिरह करनेवाले वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की. बाद में अदालत के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि अदालत में अजीबोगरीब स्थिति दिखाई दी. तृणमूल की ओर से एक तरफ तो कहा गया कि वीडियो नकली है और दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि यह अनुदान हो सकता है.

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