इंजीनियरों ने विमान की मरम्मत की, लेकिन रात 10 बजे तक मरम्मत का काम पूरा न होने पर उड़ान को रद्द करना पड़ा. एयरलाइंस सूत्रों के मुताबिक, विमान के कुछ यात्रियों को होटल में रहने की व्यवस्था की गयी, जबकि कोलकाता के कुछ यात्रियों को एयरलाइंस की ओर से उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था की गयी, इसके बाद विमान में 131 यात्री बचे रह गये. उन्होंने दूसरे विमान से उन्हें दिल्ली पहुंचाने की मांग की. एयरलाइंस ने दूसरी विमान की व्यवस्था की. उक्त विमान में बोर्डिंग पूरा होने के बाद विमान के पाइलट का फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन खत्म हो गया, जिसके वजह वह चला गया.
विमान में ही रात भर 131 यात्री ठहरे रहें. एयर इंडिया के अधिकारियों का कहना है कि विमान के यात्रियों को इस दौरान पर्याप्त भोजन और पानी की व्यवस्था की गयी. सुबह साढ़े छह बजे विमान के पाइलट की व्यवस्था होने के बाद होटल में ठहरे हुए अन्य यात्रियों को लेकर विमान दिल्ली के लिए रवाना हुई.
इधर, घंटों विमान में फंसे रहे यात्रियों ने एयरलाइंस के विरूद्ध विरोध जताया. उन्होंने कहा कि विमान में उनके पर्याप्त भोजन और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गयी. उन्होंने बताया कि एयरलाइंस ने दूसरे पाइलट की भी व्यवस्था नहीं की, जिसके वजह से उन्हें घंटों एयरलाइंस के लापरवाही का शिकार होना पड़ा. दूसरी ओर एयरलाइंस ने ड्रीमलाइनर में लगातार गड़बड़ी का हवाला देते हुए घटना पर खेद जताया.