कोलकाता : हाल में सुर्खियों में आये चिट फंड घोटाले के मद्देनजर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने शनिवार कहा कि सेबी अथवा रिजर्व बैंक को निवेशकों को पोंजी योजनाओं के जाल में फंसने से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.
एसबीआइ के अध्यक्ष प्रतीप चौधरी ने यहां एक बैंकिंग सम्मेलन में कहा : आरबीआइ और सेबी को जागो ग्राहक जागो, वुलमार्क या हालमार्क (सोना) की तरह ही पोंजी योजनाओं के बारे में निवेशकों को जागरूक करने के लिए जागरूकता बढ़ानी चाहिए. हाल ही में पश्चिम बंगाल के सारधा समूह पर निवेशकों के हजारों करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की छाया (शैडो) बैंकिंग प्रणाली में ऐसा लगता है कि पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के मुकाबले ज्यादा लचीलापन है. ‘शैडो बैंकिंग प्रणाली’ का मतलब आमतौर पर उन वित्तीय मध्यस्थ कंपनियों से समझा जाता है, जो नियामकीय निगरानी के बगैर लेन-देन करते हैं. नियमन के तहत आनेवाले संस्थानों की गैरनियमन गतिविधियों को भी शैडो बैंकिंग प्रणाली में गिना जाता है.
स्विटजरलैंड स्थिति वित्तीय स्थायित्व बोर्ड की जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत में इस प्रकार की बिना नियमन के चलनेवाली ऋण गतिविधियों का कारोबार 670 अरब डॉलर से अधिक है. यह राशि इस तरह के पूरी दुनिया में चलनेवाले कारोबार का एक प्रतिशत तक है.