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आम बजट: राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्र सरकार के बजट पर जतायी निराशा, कहा दिशाहीन व निराशाजनक है आम बजट
कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय बजट को दिशाहीन व निराशाजनक बताया है. अरुण जेटली के तीसरे आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बजट के बहाने नरेंद्र मोदी सरकार की एफडीआइ नीति की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाया. बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री मित्रा ने […]
कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय बजट को दिशाहीन व निराशाजनक बताया है. अरुण जेटली के तीसरे आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बजट के बहाने नरेंद्र मोदी सरकार की एफडीआइ नीति की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाया. बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री मित्रा ने कहा कि यह पूरी तरह दिशाहीन बजट है. इस बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी ठीक नहीं है. यह पूरी तरह लक्ष्यहीन है.
इस बजट में दृष्टि का अभाव है. आम लोगों व आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है. जहां तक पश्चिम बंगाल की बात है, इस बजट से राज्य को भी कुछ भी नहीं मिला है. वित्त मंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि इस बजट में जानबुझ कर राज्य को वंचित रखा गया है. बजट में कोयले की कीमत में वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है. कोयले की कीमत बढ़ने से बिजली एवं अन्य जरूरी सामग्रियों की कीमत भी बढ़ेगी.
बजट विकास व जनहित विरोधी : माकपा
कोलकाता. माकपा पोलित ब्यूरो बजट पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि बजट में न तो विकास की दृष्टि है और न ही लोगों के हित को ही ध्यान में रखा गया है. इस बजट से असमानता, बेरोजगारी व कंट्रैक्ट निर्यात बढ़ेगा. इससे कृषि के क्षेत्र में तकलीफ बढ़ेगी. बजट में पब्लिक सेक्टर के विनिवेश के जरिये 56500 करोड़ रुपये उगाहने की बात कही गयी. बीमा व खाद्य क्षेत्र में विनिवेशीकरण का बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा इससे भारतीय अर्थव्यवस्था भी अस्थिर होगी.
बजट रोजगारपरक व विकासोन्मुखी : भाजपा
कोलकाता. प्रदेश भाजपा की ओर से आम बजट को रोजगार व विकासोन्मुखी बताया है. प्रदेश भाजपा के आर्थिक सेल के संयोजक डॉ धनपत राम अग्रवाल ने कहा है कि यह बजट अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा जो कि विश्व में सबसे तेज गति यानी 7.6 फीसदी की दर से विकास कर रही है. भारत को स्थिरता के लिए विश्व भर में जाना जा रहा है. बजट प्रस्ताव से नये रोजगार का सृजन होगा और मझोले व छोटे उद्यम को और ऋण मिल सकेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि और आधारभूत ढांचे के लिए अतिरिक्त आवंटन मंजूर किया है. इससे सामग्रिक विकास हो सकेगा. वित्तीय घाटा भी नियंत्रण में है. काले धन की रोकथाम के लिए उपाय अपनाये गये हैं.
बजट देश के संघीय ढांचा विरोधी : मानस
कोलकाता. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ विधायक डॉ. मानस रंजन भुईंया ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट को संविधान का संघीय ढांचा विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि इसके पहले वर्ष बजट में श्री जेटली ने कहा था कि वह कॉपरेटिव फेडरलीज्म के पक्षपाती हैं, लेकिन बजट में साफ है कि यह पूरी तरह से केंद्रीय बजट है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में केंद्र की भागीदारी 100 फीसदी होती थी, लेकिन बजट में इसे घटा कर 60 फीसदी कर दिया है. अब राज्य में 40 फीसदी अधिक भार पड़ेगा. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने मनरेगा के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की है, लेकिन यह राशि तो वेतन मद में ही खर्च हो जायेगी. केंद्र सरकार ने राज्यों की 25 योजनाओं को बंद कर दिया है, जिसका भार अब राज्यों को ही वहन करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि यह बजट किसान व गरीब विरोधी व उद्योगपतियों के हित का बजट है.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने घोषणा की कि 15 हजार करोड़ रुपये किसानों के ऋण को माफ कर दिया है, लेकिन पूर्व सरकार ने अपने बजट में 72 हजार करोड़ रुपये किसानों के कर्ज माफ किये थे.
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