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डनलप व जेसप के अधिग्रहण पर विस की मुहर
कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान करेगी सरकार सरकार का आश्वासन-किसी कर्मचारी की नहीं जायेगी नौकरी कोलकाता : राज्य विधानसभा ने शनिवार को रुइया ग्रुप की दो कंपनियों डनलप और जेसप के अिधग्रहण से संबंधित दो विधेयकों को पारित कर दिया. इससे दोनों कंपनियों पर राज्य सरकार के कब्जे का मार्ग प्रशस्त हो गया है. […]
कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान करेगी सरकार
सरकार का आश्वासन-किसी कर्मचारी की नहीं जायेगी नौकरी
कोलकाता : राज्य विधानसभा ने शनिवार को रुइया ग्रुप की दो कंपनियों डनलप और जेसप के अिधग्रहण से संबंधित दो विधेयकों को पारित कर दिया. इससे दोनों कंपनियों पर राज्य सरकार के कब्जे का मार्ग प्रशस्त हो गया है. शुक्रवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीमार चल रहीं इन दोनों कंपनियों के अधिग्रहण की बात कही थी.
इससे पहले राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने डनलप इंडिया लिमिटेड (एक्वीजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग) विधेयक, 2016 व जेसप एंड कंपनी लिमिटेड (एक्वीजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ अंडरटेकिंग) विधेयक, 2016 पेश किया. मित्रा ने कहा कि दोनों कंपनियों के कर्मचारियों व श्रमिकों की नौकरी बहाल रहेगी. किसी की छंटनी नहीं होगी. कर्मचारी व श्रमिकों की बकाया राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी. लेकिन कंपनी के ऊपर अगर कोई और कर्ज है तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार नहीं लेगी. इसका भुगतान कंपनी को ही करना होगा. गौरतलब है कि 1500 कर्मचारी डनलप में और 685 जेसप कारखाने में कार्यरत हैं. रुइया ग्रुप ने दोनों कंपनियों में उत्पादन शुरू करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया, जिसकी वजह से कंपनी की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती गयी और अंतत: दोनों कंपनियां बंद पड़ी हुई हैं.
िवत्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डनलप इंडिया लिमिटेड की हुगली जिला में शाहगंज स्थित यूनिट व तमिलनाडु के अम्बात्तुर यूनिट और जेसप एंड कंपनी लिमिटेड की दुर्गापुर व दमदम यूनिट का अधिग्रहण करेगी. साथ ही दोनों कंपनियों के नाम देश या विदेशों में भी जो संपत्ति है, उस पर भी कब्जा करेगी. उन्होंने कहा कि डनलप व जेसप दोनों कारखानों का ऐतिहासिक महत्व है और दोनों कंपनियों को इस प्रकार से बंद होता हुआ राज्य सरकार नहीं देख सकती. यहां के कर्मचारियों को वर्षों से उनका वेतन सहित अन्य बकाया राशि का भुगतान रुइया ग्रुप ने नहीं किया है.
इन दोनों यूनिटों में उत्पादन शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने कई बार पहल की, त्रिपक्षीय बैठक हुए, लेकिन प्रबंधन द्वारा कई बार आश्वासन देने के बावजूद यहां उत्पादन शुरू नहीं हुआ.
रुइया के प्रस्ताव को खारिज कर चुकी है सरकार
वर्ष 2003 में रुइया ग्रुप ने जेसप एंड कंपनी को सरकार से 18 करोड़ रुपये में खरीदा था. कंपनी पहले ही बीआइएफआर में थी. 2008 में आसनसोल दुर्गापुर डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पवन रुइया के दुर्गापुर में जेसप परिसर को आइटी पार्क व एसइजेड में बदलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. 2001 के 31 मार्च को यह फैक्टरी बंद हो गयी थी. इकाई को लेने के बाद पवन रुइया ने कहा था कि जेसप की ओर से यहां 200 बोगी व 200 कपलर प्रति महीने उत्पादन किये जायेंगे. करीब 350 कर्मचारियों को ठेके पर काम मिलेगा. हालांकि बाद में उन्होंने यहां आइटी पार्क और एसइजेड बनाने का प्रस्ताव दे दिया.
जॉन बॉयड डनलप ने आयरलैंड के डबलिन में डनलप की स्थापना की. बाद में इसकी इकाई भारत में बनायी गयी. हुगली जिले के शाहगंज और तमिलनाडु के अंबात्तुर में इसकी फैक्टरी है.
2005 में पवन रुइया ने मनोहर राजाराम छाबड़िया परिवार से इसे खरीदा था. तब इसकी देनदारी 650 करोड़ से अधिक की थी
2014 में डनलप फैक्टरी बंद कर दी गयी. 2015 में संसद की वाणिज्य की स्टैंडिंग कमेटी ने शाहगंज फैक्टरी का दौरा किया और कहा कि डनलप को संवारा नहीं जा सकता
अलग-अलग कंपनी बनेगी
डनलप व जेसप को चलाने के िलए राज्य सरकार अलग-अलग कंपनियां बनायेगी. नयी कंपनी के तहत अधिग्रहण, वित्तीय लेन-देन और भविष्य में संचालन किया जायेगा. डनलप इंडिया लिमिटेड की तमिलनाडु यूनिट में 1998 से व हुगली में शाहगंज स्थित यूनिट में उत्पादन अक्तूबर 2011 से बंद है, जबकि जेसप एंड कंपनी लिमिटेड की दुर्गापुर यूनिट में एक अप्रैल 2001 व दमदम स्थित यूनिट में 2014 से उत्पादन ठप है.
1788 में ब्रिटिश इंजीनियर वीलियम जेसप के बेटों ने जेसप एंड कंपनी लिमिटेड की स्थापना की 1815-1840 में कंपनी ने देश का पहला लोहे का पुल (आयरन ब्रिज) लखनऊ में गोमती नदी पर बनाया.
कंपनी ने 1937-1943 में देश का पहला सेमी बैलेंस कैंटिलीवर ब्रिज हुगली नदी पर बनाया जो हावड़ा ब्रिज के नाम से विख्यात हुआ जिसे रवींद्र सेतु के नाम से जाना जाता है
कंपनी की दो उत्पादन इकाइयां दमदम व दुर्गापुर में हैं. दमदम की फैक्टरी 63 एकड़ में फैली है. दुर्गापुर में जेसप की इकाई करीब 100 एकड़ में है.
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