कोलकाता : राज्य के जूट मिल मालिक सरकारी खरीद की कटौती का रोना रोते रहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार की मांग की तुलना में राज्य की जूट मिलें बोरों की सप्लाई नहीं कर पा रही हैं. पर्याप्त मात्रा में जूट के बोरे नहीं मिलने पर केंद्र सरकार ने चिंता जतायी है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने जूट के बोरों की अनुपलब्धता पर जूट आयुक्त डॉ सुब्रत गुप्ता को पत्र लिख कर बोरों की सप्लाई सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है.
केंद्र के उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव यूकेएस चौहान ने जूट आयुक्त डॉ सुब्रत गुप्ता को इस बाबत पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि हाल में केंद्रीय खाद्य सचिव की बैठक में रबी मार्केटिंग सीजन (आरएमएस) 2016-17 के दौरान जूट बैग की सप्लाई में कमी की आशंका जतायी गयी थी.
इसके मद्देनजर ही सरकारी खरीद में कटौती की गयी. डीजीएस एंड डी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस सीजन में जूट के बोरों की सप्लाई संतोषजनक नहीं रहने की बात कही गयी है. डीजीएस एंड डी ने 14 फरवरी तक 8.20 लाख गांठ की जरूरत के बावजूद केवल 6.78 लाख गांठ जूट बोरों की मांग की, लेकिन राज्य की जूट मिलें चार लाख जूट के बोरों की गांठों में से केवल 3.27 लाख गांठ ही भेज पाये हैं. राज्य की जूट मिलें 14 फरवरी तक मांग की तुलना में 2.76 लाख गांठ बोरों का उत्पादन नहीं कर पायी हैं. उन्होंने लिखा है कि जूट मिलों द्वारा धीमी गति से जूट के बोरों का उत्पादन करना एक बड़ी चुनौती है. रबी मार्केटिंग सीजन (आरएमएस) 2016-17 के लिए 8.2 लाख गांठ बोरों तथा खरीफ मार्केटिंग सीजन (केएमएस) की 2015-16 के लिए 0.81 लाख गांठ बोरों की मांग है.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि सीजन समाप्त होने में अभी मात्र एक महीना बचा है. इसमें लगभग पांच लाख गांठ का उत्पादन करना व केंद्र सरकार को भेजना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है. ऐसी स्थिति में जूट आयुक्त द्वारा कड़े कदम उठाये जाने की जरूरत है, ताकि जूट के बोरों का उत्पादन बढ़ाया जा सके.
क्या कहना है जूट मिल मालिकों का
जूट मिल मालिकों का कहना है कि राज्य में कच्चे जूट की लगातार कमी व कालाबाजारी के कारण कच्चे जूट की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. भारतीय जूट आयुक्त की ओर से कच्चे जूट की कीमत पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाये गये हैं. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से छापेमारी भी की जा रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है. हाल में केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार के साथ बैठक में कुछ जूट मिल मालिकों ने कच्चे जूट का स्टॉक तीन सप्ताह तक करने की मांग करते हुए बांग्लादेश से कच्चे जूट पर लगे निर्यात को समाप्त करने की मांग की है, ताकि कच्चे जूट पर्याप्त मात्रा में जूट मिलों को मिल सके.