कोलकाता: हावड़ा, शिवपुर में स्थित द बंगाल इंजीनियरिंग एंड साइंस यूनिवर्सिटी (बेसू) को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने से संबंधित संशोधित विधेयक बुधवार को लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ. केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरुर ने लोकसभा में द नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, साइंस एडुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीच्यूट (एमेंडमेंट), बिल, 2013 पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
इस विधेयक में बेसू को इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आइआइइएसटी) का दर्जा देने की बात कही गयी है. इसके तहत इस तरह के संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय मापदंड के अनुरूप विकसित किया जायेगा तथा उस स्तर की शिक्षा प्रदान की जायेगी. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2010 में औपचारिक रूप से बेसू को आइआइइएसटी में बदलने का निर्णय किया था, लेकिन बेसू कैंपस में अशांति सहित कई कारणों से इसमें विलंब हुआ.
2005 में ही इस बाबत में एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गयाथा. इस कमेटी ने बेसू को आइआइइएसटी में तब्दील करने की सिफारिश की थी. इस विधेयक के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में संस्थान को आइआइइएसटी में तब्दील करने के लिए एक करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इस विधेयक में पश्चिम बंगाल के छात्रों के लिए आरक्षण का प्रावधान बरकरार रखने की बात कही गयी है.
बेसू में जश्न का माहौल
राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा मिलने की खबर से यूनिवर्सिटी परिसर में जश्न का माहौल बन गया. प्रोफेसर और छात्रों ने एक दूसरे के बीच मिठाइयां बांट कर खुशी का इजहार किया. इस बाबत बेसू के वीसी अजय कुमार राय ने कहा कि आइआइइएसटी के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी.
देश में काफी कम संस्थानों को यह दर्जा प्राप्त है. निश्चित रूप से हम लोगों के लिए यह गर्व की बात है. यह दर्जा मिलने से यहां पर शोध और अधिक उन्नत होगा. छात्र-छात्रओं व स्टॉफ के लिए और अच्छे होस्टल बनाये जायेंगे. यूनिवर्सिटी को मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा होगा. इससे यहां के छात्रों के साथ अध्यापकों व कर्मचारियों का हौसला और भी बुलंद हो गया है.