यहां कई गैर सरकारी संगठन कार्यरत हैं जिन्होंने इस व्यापार में जबरन धकेली गयी कई युवतियों को बचाया़ वे ऐसी महिलाओं और यौनकर्मियों के बच्चों की भी मदद कर रहे हैं जो इस व्यापार को छोड़ कर बेहतर जिंदगी जीने की चाहत रखते हैं. ऐसे ही लोगों के लिए यहां चल रही कार्यशाला में पेशेवर लोग उन्हें अभिनय की दुनिया की वर्णमाला सिखा रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रमुख परियोजना ‘मुक्तिर आलो’ (आजादी की रोशनी) का लक्ष्य यौनकर्मियों और उनके बच्चों को मुख्यधारा में वापस लाने का है. पश्चिम बंगाल की महिला विकास एवं सामाजिक विकास मंत्री शशि पांजा ने बताया,‘यौन व्यापार से बचायी गयी युवतियों, यौनकर्मियों और उनके बच्चों के पुनर्वास कार्यक्रम का यह दूसरा चरण है. परियोजना के तहत हम उन्हें नृत्य, अभिनय और गायन में प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि वे धारावाहिकों, फिल्मों में काम कर सकें ़’ इससे पहले भी सरकार ने कई पुनर्वास कार्यक्रम चलाये थे जिनमें व्यावसायिक प्रशिक्षण, सिलाई-बुनाई की वर्कशाप इत्यादि शामिल हैं. लेकिन इन परियोजनाओं को उतनी लोकप्रियता नहीं मिली क्योंकि वे आर्थिक रूप से उतनी आकर्षक नहीं थीं. पंजा ने कहा कि उनके विभाग और परियोजना के सहायकों ने पहले ही कई फिल्म और धारावाहिक के निर्माताओं-निर्देशकों से बात कर ली है कि वे अभिनय में पारंगत यौनकर्मियों को काम मुहैया करायेंगे़ इन युवतियों को अभिनय के अलावा अंगरेजी बोलने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है़
Advertisement
टीवी और फिल्मों में काम के लिए तैयार हो रहे सेक्स वर्कर
कोलकाता. एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में से एक सोनागाछी में सेक्स वर्करों का एक वर्ग जीवन की नयी पारी की शुरुआत करने के लिए तैयार है. टेलीविजन कार्यक्रमों और फिल्मों में करियर के लिए वे लोग अभिनय, नृत्य और गायन की ट्रेनिंग ले रहे हैं़ यहां कई गैर सरकारी संगठन कार्यरत हैं […]
कोलकाता. एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया में से एक सोनागाछी में सेक्स वर्करों का एक वर्ग जीवन की नयी पारी की शुरुआत करने के लिए तैयार है. टेलीविजन कार्यक्रमों और फिल्मों में करियर के लिए वे लोग अभिनय, नृत्य और गायन की ट्रेनिंग ले रहे हैं़
नियमित चल रही हैं प्रशिक्षण की कक्षाएं
प्रशिक्षण कार्यक्रम का काम देखनेवाले ‘दरबार’ के समरजीत जाना ने बताया कि 50 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया है. उनकी कक्षायें नियमित हैं. उन्हें आवाज में उतार-चढ़ाव लाने, एक्टिंग और डांस की ट्रेनिंग दी जा रही है़ जाना ने कहा कि उन्हें इस परियोजना के सफल होने की उम्मीद है. इस परियोजना ने यौनकर्मियों विशेषकर उनके युवा बच्चों में एक खास तरह की जिज्ञासा उत्पन्न की है. पश्चिम बंगाल में 1,30,000 यौनकर्मियों के मंच दरबार महिला समन्वय समिति के अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सोनागाछी क्षेत्र में और अधिक प्रतिभागियों को इस परियोजना से जोड़ने के लिए प्रचार शुरू कर दिया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement