कोलकाता: शनिवार सुबह महानगर के विख्यात चिकित्सक डॉ मदन लाल सागरमल बैद्य की 94 साल की आयु में मृत्यु हो गयी. उन्हें लोग डॉ मदन के नाम से जानते हैं. विगत तीन-चार सप्ताह से वे अस्वस्थ थे. वे अपने पीछे एक खुशहाल परिवार छोड़ गये हैं.
उनके दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं. बड़े पुत्र डॉ सुशील मिश्र एवं डॉ अनिल मिश्र ने केवड़ातल्ला महाशमशान में उन्हें शाम को मुखाग्नि दी. डॉ मदन के परिवार में दो बहुएं अरुणा मिश्र व अनिता मिश्र, पुत्री नंदिनी, प्रमिला सहित पोते एवं पोतियां चैतन्य, मालिनी, अनिंदय, शशांक, राहुल, नेहा, सुभाष, सारदा हैं. छोटे पुत्र डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि सात जुलाई 1919 को डॉ मदन का जन्म हुआ था. राजस्थान के पिलानी में मूल निवास है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में स्नातक व स्नातकोत्तर के बाद वे इंगलैंड में अध्ययन के लिए चले गये. जनरल फिजिशियन के रूप में उनकी उपलब्धि रही है. देश वापस लौटने की इच्छा एवं बीएम बिरला के बुलावे पर वे कोलकाता वापस आये और प्राइवेट प्रैक्टिस शुरू किया. 1952 में वे कोलकाता लौटे. अस्वस्थ होने के पहले तक डॉ मदन बिरला, बांगड़, झवर, आरपीजी, सिंघानिया जैसे संभ्रांत परिवारों के फैमिली डॉक्टर के रूप में रहे.