संग्रहालय में हिंदू धर्म और हिंदू देवी देवताओं के उस देश में प्रभाव को और छुपे हुए पहलूओं को उजागर करने वाले छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया है. बहल ने कहा कि क्योंकि देवी सरस्वती का नाता पौराणिक नदी सरस्वती से है इसलिए जापान में तालाब में इनकी पूजा की जाती है.
उन्होंने कहा : कई ऐसे हिंदू देवी देवता हैं जिनकी जापान में पूजा की जाती है. वहां केवल देवी सरस्वती के ही सैकड़ों मंदिर हैं. उन्होंने तोक्यो के एक मंदिर की तस्वीर दिखाई जिसमें देवी सरस्वती वीणा लिए हुए हैं. बहल ने बताया कि ओसाका में देवी सरस्वती का संभवत: सबसे प्रभावशाली और सबसे ऊंचा मंदिर है. बहल ने बताया : भारत में वायु और वरुण जैसे जिन देवी देवताओं को भूला दिया गया है उनकी आज भी जापान में पूजा की जाती है. यह प्रदर्शनी 21 फरवरी तक चलेगी. इसमें देवी लक्ष्मी, भगवान इंद्र, ब्रह्मा, गणेश, गरुड जैसे अन्य कई देवी देवताओं के चित्र प्रदर्शित किये गये हैं.