बंगाल एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां हम सब साथ मिलकर काम करते हैं. ऐसी कोई सांप्रदायिक घटना या तनाव नहीं है. कोई इसकी राजनीतिक तरीके से आलोचना कर रहा है. हमारी सरकार इस प्रकार की सांप्रदायिक समस्याओं को अनुमति नहीं देती, क्योंकि हम जानते हैं कि अगर शांति होगी, तो सब कुछ का हल निकाल लिया जायेगा. उन्होंने माओवादियों के गढ़ जंगलमहल में भी ‘ शांतिपूर्ण वातावरण ‘ का उल्लेख किया. उनका बयान मालदा के कालियाचक में सांप्रदायिक हिंसा होने की पृष्ठभूमि में आया है.
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. सूत्राें से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 18 जनवरी को यहां आ रहे हैं और इस संबंध में वह राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे. राज्य में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने उद्योग जगत के नेताओं को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी राज्य में औद्योगिकीकरण के रास्ते में नहीं आयेगी.
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आयेगी. तीसरे बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए सुश्री बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही उद्योगों के लिए एक कोर ग्रुप स्थापित किया है. बंगाल में चुनाव आ रहा है, लेकिन चिंतित न हों, सब समाधान कर लिया जायेगा. लोकतंत्र जारी रहेगा. वह एक भी मिनट बर्बाद नहीं करना चाहती हैं, इसलिए चुनाव से राज्य के विकास में किसी प्रकार की बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए. उन्होंने दावा करते हुए कि यह निर्वाचित सरकार (तृणमूल सरकार) फिर से आयेगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में भूमि की उपलब्धता की समस्या नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार की एक भूमि नीति है और एक भूमि बैंक है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि कोई निवेश नहीं हो रहा है. यह सही नहीं है. 94 हजार करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं. कुछ परियोजनाओं के लिए हमने हस्ताक्षर किया है, वे पहले ही चालू हो चुकी हैं. इस अवसर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, ब्रिटेन की रोजगार मंत्री प्रीति पटेल, केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु, उद्योगपति मुकेश अंबानी, सज्जन जिंदल, सुभाष चंद्र, राकेश भारती मित्तल सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.