कोलकाता: विभिन्न मांगों को लेकर कोलकाता नगर निगम से आरपार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे न्यू मार्केट के दुकानदारों के रुख को भांपते हुए निगम प्रशासन ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. निगम द्वारा हाल ही में जारी एक सकरुलर के विरोध में दुकानदारों ने गुरुवार को दिन भर अपनी दुकानें बंद रखी.
कोलकाता के ऐतिहासिक न्यू मार्केट के यूं बंद हो जाने से न केवल शहर के हजारों लोगों को दिक्त हुई, बल्कि देश के अन्य राज्यों व विदेशों से आये सैकड़ों लोगों को भी मायूस हो कर वापस लौटना पड़ा. एसएस हॉग मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने बताया कि पिछले दिनों निगम ने एक सर्कुलर जारी कर यह निर्देश दिया कि दुकान में एयरकंडिशनर लगाने पर कुल किराये पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा. इसके साथ ही व्यवसाय बदलने पर भी किराये में बेतहाशा इजाफे की बात कही गयी है. श्री गुप्ता ने बताया कि इस सकरुलर से दुकान की विरासत उसके परिजन तक जाने का रास्ता भी रोकने का प्रयास किया गया है.
निगम के इस तानाशाही फरमान के खिलाफ हम लोगों ने कई बार अधिकारियों से बात की, पर कोई हमारी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था. ऐसे में मार्केट को बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था. उन्होंने कहा कि कहने को तो शहर में निगम के 45 बाजार हैं, पर सबसे अधिक राजस्व न्यू मार्केट से ही मिलता है. निगम को प्रत्येक वर्ष न्यू मार्केट से तीन करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.
बदले में निगम मार्केट पर केवल 25 लाख रुपये खर्च करता है. न्यू मार्केट के बंद रहने से बौखलाये मेयर शोभन चटर्जी ने फौरन उनकी मांग को स्वीकार करते हुए 50 प्रतिशत सरचार्ज को वापस ले लिया. अन्य मुद्दों पर बातचीत करने के लिए विभागीय मेयर परिषद सदस्य तारक सिंह ने 22 मई को लाइसेंस व कानून विभाग के साथ एक बैठक बुलायी है. श्री सिंह ने भी स्वीकार किया कि दुकानदारों की मांगें वाजिब हैं, जिन पर गंभीरता से विचार किया जायेगा.