कोलकाता: भारी उद्योग व इंजीनियरिंग क्षेत्र की लगभग ढ़ाई सौ वर्ष पुरानी जेसप एंड कंपनी के भविष्य पर आइएनटीयूसी के जिला अध्यक्ष मास्टर निजाम ने प्रश्न चिह्न लगाया है. उन्होंने कहा है कि कंपनी की श्रमिकों की संख्या घट कर लगभग 600 रह गयी है, जिन्हें चार महीने से वेतन नहीं मिला है. उन्होंने शीघ्र वेतन दिये जाने की मांग की है. श्रम विभाग को और सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि जेसप को बंद होने से बचाया जा सके. हालांकि सरकार कारखाना बंद करने के पक्ष में नहीं है.
वहीं, रुइया प्रबंधन का आरोप है कि कारखाने से कीमती उपकरणों सहित अन्य चीजों की चोरी हो रही है. इसके बावजूद वेतन का भुगतान करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में कारखाना चलाना संभव नहीं है.
गौरतलब है कि 18 नवंबर को जेसप की समस्या के समाधान के लिए उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में त्रिपक्षीय बैठक हुई थी. बैठक के बाद उद्योग मंत्री ने दावा किया था कि प्रबंधन जल्द ही कारखाने को बंद करने का फैसला वापस ले लेगा. यहां फिर से उत्पादन शुरू होगा. दमदम में स्थित जेसप एंड कंपनी इंजीनियरिंग क्षेत्र का सबसे पुराना औद्योगिक प्रतिष्ठान है. एक जमाने में सार्वजनिक उपक्र म के रूप में कंपनी का प्रदर्शन बेहतर था. यहां श्रमिकों की संख्या हजारों में थी. रेल वैगन, क्रेन और सड़क निर्माण उपकरण तैयार करने में कंपनी अव्वल पर थी, लेकिन देखते-देखते आज यह कंपनी बंद होने के कगार पर पहुंच गयी है. 2003 से कंपनी पर रु इया समूह का नियंत्रण है.