उन्होंने कहा कि कमेटी में विधायकों को शामिल करने के संबंध में कोई निर्देश नहीं है. दूसरी ओर, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ मानस रंजन भुईंया ने आरोप लगाया कि डॉ पांजा विभाग के लिए काम करना चाहती हैं, लेकिन राज्य सरकार की नीति के कारण काम नहीं कर पा रही हैं. वर्तमान केंद्र में शासित भाजपा की सरकार ने आइसीडीएस परियोजना में अनुदान 50 फीसदी घटा दिया है. इससे महिला वंचित हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ब्लाॅक स्तर की कमेटी को भंग कर जिला स्तर की कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी का चेयरमैन विधायक को बना दिया है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से गैर कानूनी है. इस मसले पर विभिन्न ब्लॉकों ने अदालत में मामला दायर किया है. उन्होंने मांग की कि कमेटी को भंग कर दिया जाये, क्योंकि यह कमेटी गैर कानूनी है.