इसके लिए उक्त ट्रेन में दो पैंट्री कार लगायी जाती हैं, जिसमें कुल 40 कर्मचारी 1000 हजार यात्रियों को खाना परोसते हैं. एक पैंट्री कार इंजन की तरफ होती है, जबकि दूसरी पीछे की तरफ होती है. हालांकि दो पैंट्री कार होने से खाना परोसनेवाले कर्मचारियों को एसी-प्रथम श्रेणी से होकर नहीं गुजरना पड़ता, जिससे राजधानी में यात्रा करने वाले हॉइ प्रोफाइल यात्रियों की निजता भंग नहीं होती, लेकिन एक पैंट्री कार लगने से जहां ऐसा नहीं हो सकेगा. वहीं कर्मचारियों को खाना परोसने के लिए ट्रेन के अंदर लंबी दूरी तय करनी होगी, जिससे यात्री भी परेशान होंगे.
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हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी से हट जायेगी पैंट्री कार
कोलकाता: बहुत जल्द हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दो में से एक पैंट्री कार हटा दी जायेगी. ऐसा ही निर्देश रेलवे बोर्ड ने फेयरली प्लेस स्थित इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) के पूर्वी जोन के वरिष्ठ अधिकारियों को दिया है. दरअसल, रेलवे की योजना धीरे-धीरे सभी लंबी दूरी की ट्रेनों से पैंट्री कार […]
कोलकाता: बहुत जल्द हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दो में से एक पैंट्री कार हटा दी जायेगी. ऐसा ही निर्देश रेलवे बोर्ड ने फेयरली प्लेस स्थित इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आइआरसीटीसी) के पूर्वी जोन के वरिष्ठ अधिकारियों को दिया है. दरअसल, रेलवे की योजना धीरे-धीरे सभी लंबी दूरी की ट्रेनों से पैंट्री कार हटाने की है. हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस से दूसरी पैंट्री कार भी हटा ली जायेगी.
रेलवे अधिकारियों कि माने तो हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी समेत सभी लंबी दूरी की ट्रेनों से पैंट्री कार हटा कर रेलवे उन ट्रेनों में अतिरिक्त बोगियां लगाना चाहता है, जिससे यात्री सीटों को बढ़ा कर आमदनी भी बढ़ायी जा सके. इसका उद्देश्य रेल मंत्रालय द्वारा हाल में शुरू की गयी ई-कैटरिंग योजना को बढ़ावा देना भी है. हालांकि यह योजना प्रारंभिक स्तर पर है, लेकिन रेलवे की इस योजना का विरोध रेलवे के ही अधिकारी दबे स्वर में कर रहे हैं. इन अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल हावड़ा-नयी दिल्ली राजधानी में एक हजार लोगों को खाना परोसने की व्यवस्था है.
उपासना व कुंभ एक्सप्रेस से हट चुकी है पैंट्री कार
नवंबर में पूर्व रेलवे ने हावड़ा-देहरादून उपासना एक्सप्रेस और हावड़ा-हरिद्वार कुंभ एक्सप्रेस से अस्थायी तौर पर पैंट्री कार हटा दी है. दोनों ट्रेनें हावड़ा से दोपहर करीब एक बजे चलती हैं, इसलिए दोपहर के भोजन की कोई समस्या नहीं है. यात्री या तो घर से जल्दी भोजन करके ट्रेन में बैठ जाये या फिर हावड़ा से दोपहर के भोजन का ऑर्डर दे सकता है, क्योंकि यहां ई-कैटरिंग की सुविधा उपलब्ध है. शाम का अल्पाहार आसनसोल स्टेशन से लिया जा सकता है, जबकि रात्रि भोजन पटना स्टेशन से. इन दोनों स्टेशनों पर भी ई-कैटरिंग सुविधा उपलब्ध है. इन ट्रेनों के यात्रियों के लिए समस्या अगले दिन शुरू होगी, जो दोपहर के भोजन का ऑर्डर देना चाहते हैं, क्योंकि उपासना एक्सप्रेस के लखनऊ से रवाना होने के बाद दोपहर में देहरादून तक कोई भी एेसा स्टेशन नहीं पड़ता, जहां ई-कैटरिंग की सुविधा उपलब्ध हो. वही हाल कुंभ एक्सप्रेस में लखनऊ से हरिद्वार के बीच है.
ई-कैटरिंग के तहत ट्रेनों में उपलब्ध कराये गये मील
महीना उपलब्ध कराये गये मील
जनवरी 1
फरवरी 36
मार्च 85
अप्रैल 120
मई 136
जून 174
जुलाई 299
अगस्त 405
सितंबर 906
अक्तूबर 1690
इन ट्रेनों में ई-कैटरिंग की मांग है सबसे ज्यादा
12569/12570 गरीब रथ एक्सप्रेस
13009/13010 देहरादून एक्सप्रेस
18645/18646 इस्टकोस्ट एक्सप्रेस
13019/13020 बाघ एक्सप्रेस
12323/12324 एचडब्ल्यूएच-एनडीएलएस एक्स.
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