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पुरुष अधिकार से जुड़ी संस्था हृदय ने की मांग कोलकाता : पुरुष अधिकार संस्था, हृदय का आरोप है कि लिंग के आधार पर पक्षपात करने वाले कानूनों की वजह से बड़ी तादाद में पुरुष पीड़ित हो रहे हैं. हृदय ने पुरुष कल्याण मंत्रालय गठित किये जाने की मांग की है ताकि लंबे अरसे से ठंडे […]

पुरुष अधिकार से जुड़ी संस्था हृदय ने की मांग

कोलकाता : पुरुष अधिकार संस्था, हृदय का आरोप है कि लिंग के आधार पर पक्षपात करने वाले कानूनों की वजह से बड़ी तादाद में पुरुष पीड़ित हो रहे हैं. हृदय ने पुरुष कल्याण मंत्रालय गठित किये जाने की मांग की है ताकि लंबे अरसे से ठंडे बस्ते में रखे गये उनके मुद्दों पर विचार किया जा सके.

नेशनल क्राइम रिकॉर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) के तथ्यों का हवाला देते हुए उनका कहना था कि बड़ी तादाद में पुरुष ‘कानूनी आतंकवाद’ का शिकार हो रहे हैं. कानून पुरुष और परिवार विरोधी है. हृदय के सचिव अमित गुप्ता ने कहा कि भारतीय दंड विधि 498 ए धारा का गलत इस्तेमाल हो रहा है.

2012 के एनसीआरबी के तथ्यों के मुताबिक चोरी और जख्मी होने के बाद ज्यादातर मामले 498 ए के तहत दायर किये गये. आगामी 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का आयोजन हो रहा है. उस संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में श्री गुप्ता ने यह कहा.

उनका कहना है कि 2012 में इस धारा के तहत एक लाख से अधिक मामले दायर किये गये लेकिन सजा केवल 6916 मामलों में हुई. ज्यादातर मामले खारिज कर दिये गये या वापस ले लिये गये.

उन्होंने इस कानून की समीक्षा पर जोर दिया. उनका कहना था कि आम धारणा के विपरीत बड़ी तादाद में शादीशुदा पुरुष घरेलू हिंसा के शिकार हैं. 2012 में 63343 विवाहित पुरुषों ने आत्महत्या की. इनमें से खासे पुरुषों को घरेलू समस्या का सामना करना पड़ा था.

उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के छह दशकों के बाद भी एक भी ऐसी समीक्षा नहीं की गयी जिसमें पुरुषों पर होने वाले उत्पीड़न की जांच की गयी हो. संस्था के अध्यक्ष डीएस राव का कनहा था कि उनकी संस्था देश भर में इस संबंध में कार्यक्रम करेगी और पुरुष विरोधी कानूनों को निष्पक्ष किये जाने की मांग करेगी.

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