लेकिन जो संदेश दिया जा रहा था वह भ्रामक था. इन सभी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा है. ऐसा लगता है कि एक ही म्यान में कई तलवारेें हैं. भाजपा के सोशल मीडिया स्वयंसेवकों की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे संबित पात्रा ने का कहना था कि तीसरा मोरचा एक असफल मोरचा है और इतिहास ने इसे बार-बार देखा है. ऐसा पहली बार नहीं है कि तीसरा मोरचा बनाने की कोशिश की गयी है.
लेकिन कोशिशों के बाद भी कुछ नहीं हुआ. उल्लेखनीय है कि शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा की सहयोगी पार्टियों के कुछ नेता जिनमें, अकाली दल के सुखबीर बादल तथा शिव सेना के राम दास कदम व सुभाष देसाई भी शामिल थे. भाजपा के बिहार चुनाव में असफल होने के सवाल पर उनका कहना था कि यह एक लोकतांत्रिक देश है जहां पार्टियां चुनाव जीतती और हारती हैं.
बिहार में चुनाव जीतने पर वह बेहद खुश होते. वह नयी गंठबंधन की सरकार को बधाई देते हैं और उनकी सफलता की कामना करते हैं. श्री पात्रा ने यह भी कहा कि बिहार में महागंठबंधन इसलिए कामयाब हुआ क्योंकि लालू प्रसाद चुनाव नहीं लड़ रहे थे. भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का पहला खंबा हो गया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं को ट्वीटर एकाउंट शुरू करने और फॉलोवर्स की संख्या बढ़ने का सुझाव दिया. उनका कहना था कि सोशल मीडिया के महत्व को आसानी से महसूस किया जा सकता है. भाजपा सोशल मीडिया में काफी सक्रिय रही है और बिहार चुनाव में भी इसका इस्तेमाल किया गया. आगे के चुनावों में भी ऐसा किया जाता रहेगा.