कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 19 नवंबर को माओवादी हिंसा प्रभावित बांदवान जायेंगी. वहां इलाके के लोगों के विकास के लिए कई विकासमूलक परियोजनाओं की घोषणा करेंगी. ये परियोजनाएं बैकवर्ड रिजन ग्रांट्स फंड (बीआरजीएफ) के तहत शुरू की जायेंगी. केंद्र की मोदी सरकार ने बीआरजीएफ के तहत राज्य सरकार को फंड देना बंद कर दिया है.
मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर पुरुलिया जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. जिलाधिकारी तन्मय चक्रवर्ती व पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार ने इस संबंध में तृणमूल नेताओं के साथ बैठक की तथा सभा स्थल का निरीक्षण किया. वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से बांदवान जायेंगी.
सुबह 10 बजे वहां पहुंच जायेंगी. मुख्यमंत्री 31 सालों के बाद बांदवान जा रही हैं. वह 1984 में बांदवान गयी थीं. बांदवान माओवादियों का गढ़ माना जाता था. वरिष्ठ तृणमूल नेता का दावा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य में माओवादी गतिविधियों पर विराम लगा है. ममता के मुख्यमंत्री बनने के बाद कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. इस इलाके में भुखमरी से कोई मृत्यु नहीं हुई है. राज्य सरकार ने इलाके के लोगों के लिए दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल देने की व्यवस्था की है. कुछ स्थानीय लोगों को नौकरी भी मिली है. इलाके में शांति लौटी है.