पानागढ़: बीरभूम जिले के सिउड़ी प्रशासनिक कार्यालय के नजदीक अपने वाहन से जा रहे सिउड़ी कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) इंद्रनील चट्टोपाध्याय के साथ चंदा उगाही कर रहे स्थानीय क्लब के युवकों ने हाथापाई की. उनके कपड़े भी फाड़ दिये. उनके सुरक्षा गार्ड के साथ भी मारपीट की गयी.
घटना के शिकार हुए जज जब प्राथमिकी दर्ज कराने थाना पहुंचे तो मौजूद पुलिस कर्मियों ने थानेदार के नहीं होने का बहाना बनाकर उनकी शिकायत नहीं ली. उन्हें इस मामले को तूल न देने की सलाह भी दी गयी. पुलिस की इस उदासीनता के खिलाफ जब उन्होंने पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार को फोन किया तो आरोप है कि श्री कुमार ने उनका कॉल रिसीव ही नहीं किया.
गौरतलब है कि अभी हाल ही में दुर्गापूजा के समय भी बीरभूम में चंदा उगाही करने वाले युवकों के जुल्म के शिकार हाइकोर्ट के जज भी हुए थे. बताया जाता है कि सिउड़ी सीजीएम एजलास के इंद्रनील चट्टोपाध्याय के अधीन ही तृणमूल जिला नेता अनुब्रत मंडल, सात्ताेर कांड तथा पुलिस धमकी आदि मामले लंबित है. घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर सिउड़ी थाना मौजूद है. लेकिन इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. पुलिस अधीक्षक श्री कुमार ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है. वे अपने स्तर से इसकी जांच कर रहे हैं.
इधर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष व सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सोमनाथ चटर्जी ने इस घटनाक्रम को पूरी तरह से शर्मनाक बताया. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में पुलिस की भूमिका निदंनीय है. पुलिस अधिकारियों की मनमानी चल रही है. पुलिस अधिकारियों को चंदाखोरों के खिलाफ क ड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह की घटनआओं से अराजकता और बढ़ेगी.
थाने के नजदीक हुई घटना, पुलिस ने नहीं दर्ज की शिकायत
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) इंद्रनील चट्टोपाध्याय ने बताया कि वे सरकारी वाहन से कोर्ट जा रहे थे. सिउड़ी थाने के काफी नजदीक कुछ युवक मुख्य सड़क पर आने-जानेवाले वाहनों के चालकों से जबरन काली पूजा का चंदा वसूल कर रहे थे. उन चंदाखोरों ने सीजेएम के वाहन को भी रोक दिया तथा आयोजन में बड़ी राशि की मांग की. उन्होंने अपना परिचय भी दिया. लेकिन उन युवकों ने एक न सुनी. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों से विवाद बढ़ने लगा. युवकों ने उनके साथ मारपीट की. उनके बचाव के लिए जब उनका सुरक्षाकर्मी सामने आया तो उसके साथ भी मारपीट की गयी. सीजेएम इस घटना के बाद नजदीक के थाना परिसर पहुंचे. थाने से कुछ ही दूरी पर मौजूद पुलिस से भी इन चंदाखोरों को कोई डर नहीं लग रहा था.
वे इसकी शिकायत करने थाना पहंचे. पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि थानेदार मौजूद नहीं है. पुलिस अधिकारियों ने चंदाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें ही शांत कराते रहे. उनका आरोप है कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक को कॉल किया. लेकिन उन्होंने उनका कॉल रिसीव नहीं किया. उन्होंने कहा कि पूरे जिले में चंदा उगाही के नाम पर न्यायिक अधिकारियों तक को प्रताड़ित होना पड़ रहा है. ऐसे में साधारण लोगों का क्या हाल होता होगा? थाने में शिकायत नहीं लिये जाने पर सीजेएम फटा कपड़ा वहीं फेंक कर पुलिस की भूमिका के प्रतिवाद में घोर अवसाद के साथ थाने से बाहर निकल कर अपने घर चले गये. उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट तथा शिकायत वे हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से करेंगे.