कोलकाता: बिहार विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन की जीत पर वहां के लोगों को बधाई देते हुए माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे ने बदलाव का मार्ग प्रशस्त किया है. मोदी अभियान को बिहार के लोगों ने करारा जवाब दिया है. देश के लोगों के लिए असल में ‘अच्छे दिन’ की शुरुआत अब हुई है.
दिल्ली में मोदी लहर रुकी थी, कल केरल में रुकी और अब बिहार में रुकी है. इस लहर को सुनामी कहा गया था, लेकिन यह देश के लिए सिर्फ तबाही लेकर आयी.
आरोप के अनुसार, 2014 से भाजपा देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ढांचे के खिलाफ काम कर रही है. उनका अभियान अब बिहार में उल्टा पड़ गया है. इसका असर बंगाल की राजनीति पर भी पड़ेगा. काफी अरसे से जदयू और राजद की दूरियों के बावजूद दलों ने एकजुट होकर महागंठबंधन बनाया. भविष्य में माकपा और कांग्रेस के बीच भी गंठबंधन के आसार के प्रश्न पर येचुरी ने स्पष्ट रूप से उत्तर न देते हुए कहा कि राजनीति गणित नहीं है.
यहां दो और दो का मतलब चार की बजाये 22 भी हो सकता है. राजनीति में जनगणना का फैसला ही अंतिम होता है. फिलहाल बिहार की जीत लोकतंत्र की जीत है. करीब 18 महीनों की भाजपा नीत केंद्र सरकार की पोल खुल गयी है. आरोप के अनुसार सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार ने लोगों को आर्थिक दबाव के सिवाय और कुछ नहीं दिया है. विभाजन की राजनीति को बिहार को लोगों ने स्वीकार नहीं किया.