कोलकाता: देश में कोयले की मांग व आपूर्ति के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है. देश को विकास की ओर अग्रसर करने के लिए कोयला की उपलब्धता को बढ़ाना बहुत जरूरी है.
ये बातें शुक्रवार को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी रंगराजन ने कोल इंडिया लिमिटेड के 39वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि यदि कोयले की उपलब्धता नहीं बढ़ती है, तो इससे देश की वृद्धि की रफ्तार प्रभावित हो सकती है. इसलिए कोयले की उपलब्धता काफी जरूरी है. इसका उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है.
भारत में कोयला उत्पादन में पांच वर्षो में जितनी बढ़ोतरी होती है, चीन में प्रत्येक वर्ष उतने अधिक कोयला का उत्पादन बढ़ाया जाता है. इसलिए भारत की अपेक्षा चीन में आर्थिक विकास काफी तेजी से हो रहा है. उन्होंने कहा कि सीआइएल को कोयले की उपलब्धता सुधारनी चाहिए और कंपनी में निजी क्षेत्र की भागीदारी पर विचार करना चाहिए.
श्री रंगराजन ने कहा कि कोल इंडिया को निजी क्षेत्र को शामिल करने पर विचार करना चाहिए. नयी खदानों की खोज के लिए उसे निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ प्रबंधन करार करनी चाहिए. ये निजी पक्ष कोल इंडिया के एजेंट के रूप में काम कर सकते हैं. देश की कुल स्थापित बिजली क्षमता में से 60 प्रतिशत में कोयले का इस्तेमाल होता है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कोल इंडिया के पास कोयला ब्लॉकों की कमी नहीं है, लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी व पर्यावरण संबंधी मंजूरी में विलंब से खनन प्रभावित हो रहा है. इस मौके पर कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन एस नरसिंह राव सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.