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हावड़ा जूट मिल में फिर तालाबंदी

हावड़ा. तीन महीनों से गतिरोध की समस्या का सामना कर रही हावड़ा जूट मिल गुरुवार को फिर बंद हो गयी. प्रबंधन ने सुबह अनिश्चितकाल के लिए कार्य स्थगन का नोटिस लगा दिया. तालाबंदी की घोषणा के बाद श्रमिकों में असंतोष फैल गया. सुबह काम पर पहुंचे श्रमिकों ने मिल गेट के समक्ष एकत्र होकर प्रबंधन […]

हावड़ा. तीन महीनों से गतिरोध की समस्या का सामना कर रही हावड़ा जूट मिल गुरुवार को फिर बंद हो गयी. प्रबंधन ने सुबह अनिश्चितकाल के लिए कार्य स्थगन का नोटिस लगा दिया. तालाबंदी की घोषणा के बाद श्रमिकों में असंतोष फैल गया. सुबह काम पर पहुंचे श्रमिकों ने मिल गेट के समक्ष एकत्र होकर प्रबंधन के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन िकया. हालांकि प्रबंधन का कहना है कि कच्चे माल की कमी के कारण मिल चला पाना संभव नहीं है. यही कारण है कि मिल को बंद किया जा रहा है. मिल में लगभग 4000 श्रमिक कार्यरत हैं.

श्रमिक यूनियन सूत्रों की मानें, तो प्रबंधन मिल चलाने के पक्ष में नहीं है. तीन माह के दौरान मिल में तीन बार तालाबंदी हो चुकी है. 27 जुलाई को कच्चे माल की कमी का हवाला देते तालाबंदी की घोषणा कर दी गयी. नोटिस में आठ अगस्त को मिल खोलने की बात कही गयी. लेकिन, फिर एक नोटिस देकर मिल को 22 अगस्त तक बंद रखा गया. वहीं, तीन शिफ्ट में काम कराये जाने की बात कही गयी. इधर श्रमिक यूनियनों ने मिल खोलने की मांग को लेकर 19 अगस्त को स्थानीय थाने में ज्ञापन दिया. 22 अगस्त को मिल खुलने के बाद करीब चार से पांच दिन रखरखाव का काम हुआ. इसके बाद 29 अगस्त से मिल में उत्पादन प्रक्रिया शुरू हो गयी. लेकिन, इस दौरान दो शिफ्ट में ही उत्पादन हो रहा था. फिर 19 सितंबर को श्रमिकों ने तीन शिफ्ट में काम कराये जाने की मांग को लेकर विरोध व पथावरोध किया. इस घटना के बाद प्रबंधन ने श्रमिकों पर हिंसा व हंगामा करने का आरोप लगाते हुए तालाबंदी कर दी.

वहीं, हंगामा करने के कारण 10 श्रमिकों को निकाल भी दिया गया. इसके बाद मिल खोलने को लेकर फिर 26 सितंबर को प्रबंधन व श्रमिक यूनियनों के बीच बैठक हुई,जो बिना किसी नतीजे के खत्म हो गयी. तत्पश्चात 30 सितंबर को फिर प्रबंधन व यूनियनों के बीच एक बैठक हुई, जिसमें नौ अक्तूबर को मिल खोलने के साथ ही निकाले गये 10 श्रमिकों को छठ पूजा से पूर्व वापस काम पर रखने पर भी सहमति बनी. इसके बाद नौ को मिल खुल गयी.

14 अक्तूबर को क्या हुआ
14 अक्तूबर की सुबह मिल प्रबंधन ने सभी श्रमिक यूनियनों को हावड़ा हाउस में आपातकालीन बैठक के लिए बुलाया. इनमें आइएनटीटीयूसी, आइएनटीयूसी, बंगाल चटकल मजदूर यूनियन सहित चार श्रमिक यूनियनों ने भाग लिया. हावड़ा हाउस में पहुंचने पर श्रमिक यूनियनों को मिल की वर्तमान स्थिति पर चर्चा होने की जानकारी दी गयी. इसके बाद मिल प्रबंधन ने पाट की उपलब्धता की कमी का हवाला देते हुए मिल को आगे चला पाने में अपनी असमर्थता जाहिर की. प्रबंधन के इस विचार को सुनने के बाद श्रमिक यूनियनों ने बैठक बीच में ही छोड़ वहां से वॉकआउट कर दिया. इसके बाद 15 अक्तूबर की सुबह मिल प्रबंधन की ओर से तालाबंदी की घोषणा कर दी गयी.

शुक्रवार शाम को श्रम मंत्री के साथ होगी बैठक
आइएनटीटीयूसी के नेता फूल मोहम्मद ने बताया कि गुरुवार को डीएम के निर्देश पर डिप्टी लेबर कमिश्नर विप्लब मजूमदार के साथ इस मुद्दे पर बैठक होनी थी लेकिन मिल प्रबंधन की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचने से बैठक रद्द हो गयी. शुक्रवार शाम को पांच बजे श्रम मंत्री मलय घटक के साथ दोनों पक्षों के बीच एक बैठक होगी. बैठक के नतीजों के आधार पर श्रमिक यूनियन आगे की रणनीति तय करेंगे.

सोमवार से खुल जायेगी विक्टोरिया जूट मिल
हुगली. साढ़े पांच महीने से बंद तेलिनीपाड़ा विक्टोरिया जूट मिल सोमवार को खुल जायेगी. गुरुवार को कोलकाता के इस्ट इंडिया हाउस में हुई त्रिपक्षीय बैठक में मिल खोलने पर सहमति बनी. बैठक श्रममंत्री मलय घटक की अध्यक्षता में रात नौ बजे तक चली. उधर, मिल खुलने की खबर जब तेलिनीपाड़ा की मजदूर बस्ती में पहुंची तो श्रमिकों और उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उन्होंने मां दुर्गा का जयकारा लगाया और कुछ ने तो पटाखे फोड़कर अपनी खुशी जाहिर की.

बैठक में मिल के प्रेसिडेंट राजेंद्र कुमार सिंह, मुख्य कार्मिक अधिकारी अरुण सिंह, सीटीसी के चेयरमैन तपन दासगुप्ता, भद्रेश्वर नगरपालिका के चेयरमैन मनोज उपाध्याय, श्रम आयुक्त मोहम्मद नसीम, डिप्टी लेबर कमिश्नर तृथंकर सेनगुप्ता, सीटू व इंटक सहित तमाम यूनियनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

बैठक में आम सहमति से यह फैसला लिया गया कि 19 अक्तूबर यानी सोमवार से मिल खुल जायेगी और उसी दिन से ही मिल की साफ-सफाई का काम शुरू होगा. पहले 10 दिनों तक यह काम चलेगा, उसके बाद 10 दिनों तक प्रोडक्टिविटी एंड मैनिंग का काम होगा. मिल खुलने के 21वें दिन से उत्पादन पूरी तरह से शुरू होगा. मिल से निकाले गये 13 लोगों को वापस काम पर लिया जायेगा. गौरतलब है कि बुधवार को भद्रेश्वर नगरपालिका के सभागार में एक बैठक हुई थी, जिसमें भद्रेश्वर नगरपालिका के चेयरमैन मनोज उपाध्याय और भद्रेश्वर थाने के ओसी ए मजूमदार की मौजूदगी में सब कुछ तय होने के बाद शुक्रवार को त्रिपक्षीय बैठक फिर से हुई जिसमें मिल खोलने का फैसला लिया गया.

मालूम हो की मिल दो मई से बंद थी. बैठक में दिनेश लाला, कमलाकांत, प्रभात घोष, जमील अहमद, मोहम्मद वासिम, मोहम्मद शमीउल्ला सहित कई लोग मौजूद थे. प्रेसिडेंट आरके सिंह ने कारखाने को खोलने के लिए कई प्रस्ताव रखे थे. इनमे मिल के मजदूरों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था कि बाजार में हैसियन या सैकिंग की मांग के अनुसार ही मिल चलना चाहते हैं. फ़िलहाल सैकिंग यानी तैयार बोरे की मांग है इसलिए उसे ही तैयार किया जायेगा. मिल तीनों शिफ्ट में चलेगी. अगर इसके बाद भी कुछ मजदूरों को काम नहीं मिलेगा तो उन्हें काम देने के लिए हैसियन मिल को चलाया जायेगा और जब हैसियन की मांग आयेगी तब सैकिंग बनाने वाले मजदूरों को भी हैसियन लगाया जायेगा. यह प्रस्ताव बहुत पहले से मजदूरों को दिया गया है पर मजदूर यूनियनों ने एक शिफ्ट हैसियन चलाने का प्रस्ताव रखा जिसे प्रबंधन ने मान लिया है. जरूरत के अनुसार अन्य विभागों में छंटनी और नियुक्ति पर भी इस बैठक में चर्चा हुई. कई अन्य विभागों में उत्पादन बढ़ाने की भी बात हुई.

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