कोलकाता: पंचायत चुनाव में उच्च न्यायालय में शिरकत के बाद राज्य सरकार अगली लड़ाई की तैयारी में जुट गयी है. उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश लगाने की मांग पर राज्य सरकार सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच में अपील करेगी. लड़ाई की तैयारी के मद्देनजर रविवार को पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कानून मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य व एडवोकेट जनरल के साथ बैठक की. वहीं, राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडेय ने आयोग के वकील समरादित्य पाल के साथ बैठक कर अगली लड़ाई की तैयारी की समीक्षा की.
इससे पहले श्री मुखर्जी ने उच्च न्यायालय की एकल बेंच के निर्देश को लागू नहीं करना योग्य करार दिया था. रविवार को श्री मुखर्जी ने पंचायत चुनाव की संभावनाओं को संबंध में कहा कि फिलहाल यह मामला अदालत में विचाराधीन है. यदि अदालत के बाहर कोई समझौता हो, तो शीघ्र चुनाव संभव है. नहीं तो दुर्गा पूजा के बाद ही चुनाव संभव हो पायेगा.
उन्होंने कहा कि जून माह तक पंचायतों में कोई संवैधानिक संकट उत्पन्न नहीं होगा, क्योंकि अधिकतर नगरपालिकाओं का कार्यकाल जून माह तक है. बाकी कुछ का कार्यकाल जुलाई, अगस्त व सितंबर में है. उन्होंने कहा कि यदि समय पर चुनाव नहीं भी होते हैं, तो संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी. राज्य सरकार अध्यादेश लाकर पंचायतों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति करेगी.
इसके पहले आंध्र प्रदेश व महाराष्ट्र में हो चुके हैं. डीएम, एसडीओ व बीडीओ के माध्यम से पंचायतों का कामकाज चलाया गया था. उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले में राज्य चुनाव आयोग की धारा 42 व 43 को रद्द नहीं किया गया है. ऐसी स्थिति में अदालत का आदेश व इन धारों के प्रावधान परस्पर विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि बिना चुनाव की तारीख की घोषणा के राज्य सरकार केंद्र सरकार से केंद्रीय वाहिनी की मांग नहीं कर सकती है. वे लोग डिवीजन बेंच से पहले अदालत द्वारा दिये गये निर्देश पर स्थगन लगाने की मांग करेंगे.