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सारधा घोटाला. श्यामल सेन आयोग को फंड मंजूर करने पर सवाल घाटे के बजट में फंड क्यों ?

कोलकाता: राज्य सरकार द्वारा घाटे का बजट पेश किये जाने के बावजूद श्यामल सेन आयोग द्वारा सारधा निवेशकों को धन लौटाने के लिए फंड दिये जाने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सवाल उठाया है. कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार जहां घाटे का बजट […]

कोलकाता: राज्य सरकार द्वारा घाटे का बजट पेश किये जाने के बावजूद श्यामल सेन आयोग द्वारा सारधा निवेशकों को धन लौटाने के लिए फंड दिये जाने पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सवाल उठाया है.
कलकत्ता हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार जहां घाटे का बजट पेश कर रही है, ऐसी सूरत में फंड के तौर पर 500 करोड़ रुपये मंजूर कैसे किये गये. इस संबंध में सरकारी वकील ने कहा कि यह फंड गैरयोजना मद से आया. खंडपीठ ने नौ अक्तूबर को श्यामल सेन संबंधी सभी रिपोर्ट को तलब किया है. आवेदनकारी सुबीर दे द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है.

राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2013 की एक रिपोर्ट को पेश किया गया. उसमें दावा किया गया कि 251 करोड़ रुपये का फंड 29 हजार 847 निवेशकों में वितरित किया गया. आवेदनकारी के वकील विकास भट्टाचार्य व शुभाशीष चक्रवर्ती ने सरकारी दावे का विरोध किया. उनका कहना था कि यह फंड केवल सारधा के लिए ही क्यों मंजूर किया गया था. सरकार को यह बताना चाहिए. उस वक्त 73 चिटफंड कंपनियों पर पाबंदी लगी थी. उनके मामले में ऐसा क्यों नहीं किया गया. खंडपीठ ने भी यह सवाल सरकार के सामने उठाया है. इसके बाद डिवीजन बेंच ने 2014 के 30 अक्तूबर के श्यामल सेन कमीशन की रिपोर्ट को अदालत में तलब किया है. शुक्रवार को यह रिपोर्ट हाइकोर्ट में पेश करनी होगी.

इधर, एमपीएस के एक मामले में राज्य सरकार की ओर से एमपीएस की सभी संपत्तियों का मूल्यांकन जमा दिया गया है. लेकिन इस मूल्यांकन पर एमपीएस के वकीलों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी संपत्ति का मूल्यांकन और होना चाहिए. इसी खंडपीठ में उनका आवेदन किया था कि उनके मूल्यांकन के लिए उन्हें समय दिया जाये. आवेदन को मंजूर किया गया. आगामी नौ अक्तूबर को मामले की अगली सुनवाई होगी. दूसरी तरफ रोजवैली के मामले में खंडपीठ ने सीबीआइ से यह जानना चाहा कि निवेशकों का कितना पैसा यहां लगा है. यह सीबीआइ को शुक्रवार को बताना होगा.

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