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पुलिस की लाठी से दर्जनों के सिर फटे, कई वामपंथी नेता व कार्यकर्ता घायल

कोलकाता: वाममोरचा कोलकाता जिला कमेटी के ‘लालबाजार चलो’ अभियान के दौरान गुरुवार को धर्मतल्ला के निकट बेंटिक स्ट्रीट व गणेश चंद्र एवेन्यू में पुलिस ने वाम कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसायीं. पुलिस मुख्यालय लालबाजार की ओर रुख करने वाली रैलियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान दर्जनों लोगों के सिर […]

कोलकाता: वाममोरचा कोलकाता जिला कमेटी के ‘लालबाजार चलो’ अभियान के दौरान गुरुवार को धर्मतल्ला के निकट बेंटिक स्ट्रीट व गणेश चंद्र एवेन्यू में पुलिस ने वाम कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां बरसायीं. पुलिस मुख्यालय लालबाजार की ओर रुख करने वाली रैलियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस दौरान दर्जनों लोगों के सिर फट गये.

दीपक दासगुप्ता के सिर पर चोट लगी जबकि कई वामपंथी कार्यकर्ता घायल हो गये. धक्का-मुक्की में वाममोरचा राज्य कमेटी के चेयरमैन बिमान बसु अस्वस्थ होकर गिर पड़े. माकपा नेता मानव मुखर्जी और सांसद मोहम्मद सलीम को भी चोटें आयी हैं. आरोप है कि महिलाओं और बुजुर्गों को भी नहीं बख्शा गया.

तीसरा सुरक्षा स्तर तोड़ने पर शुरू हुआ हंगामा : ‘लालबाजार चलो’ अभियान के तहत तीन स्थानों से रैली निकाली गयी. वाइ चैनल व डोरिना क्रॉसिंग से निकली रैली का नेतृत्व माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा कर रहे थे. यहां नरेन चटर्जी, नारायण साहा, अश्विनी साहा, अमिताभ गांगुली, मनोज कुमार गुप्ता, युवा लीग के श्रीकांत सोनकर समेत अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे. इस रैली को पुिलस ने बेंटिक स्ट्रीट के नजदीक रोक दिया. इधर, राजा सुबोध मल्लिक स्क्वायर से निकाली गयी रैली का नेतृत्व राज्य वाममोरचा चेयरमैन बिमान बसु कर रहे थे. उनके साथ दीपक दासगुप्ता व अन्य वामपंथी नेता व कार्यकर्ता थे. गणेश चंद्र एवेन्यू के निकट लगाये पुलिस के पहले बैरिकेड तोड़ते हुए कार्यकर्ता आगे बढ़ने लगे. दूसरे बैरिकेड को तोड़ते ही पुलिस ने रैली को आगे बढ़ने से रोक दिया.आगे बढ़ने से रोके जाने से क्षुब्ध वामपंथी कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पुलिस की ओर सड़ा अंडा व टमाटर फेंकना शुरू कर दिया. सुरक्षा के पांच स्तर में से तीन के टूटने के बाद पुलिस ने लाठी बरसानी शुरू कर दी. महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शा गया. इस क्रम में वाहनों में तोड़फोड़ की गयी. आरोप है कि पुलिसकर्मियों के लाठी के शिकार आम राहगीर, दुकानदार व मीडिया कर्मी भी बने. आरोप के मुताबिक लाठीचार्ज के दौरान जब कुछ वामपंथी कार्यकर्ता आसपास की दुकानों में छिपे और जो सड़क पर गिर पड़े, उन्हें भी नहीं बख्शा गया. वामपंथी कार्यकर्ताओं को बीबी गांगुली व सेंट्रल एवेन्यू तक खदेड़ा गया.
धक्का-मुक्की के दौरान वामपंथी नेता बिमान बसु गिर पड़े. उन्हें किसी तरह घटनास्थल से दूर लाया गया. इधर, कॉलेज स्क्वायर से निकाली गयी रैली का नेतृत्व सांसद मोहम्मद सलीम कर रहे थे. वे माइक के जरिये वामपंथी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे. लाठीचार्ज के दौरान वामपंथी नेता दीपक दासगुप्ता को सिर में चोट लग गयी. वे सिर पकड़कर नीचे बैठ गये. उनके सिर से काफी मात्रा में खून निकल रहा था. सूत्रों के अनुसार, लालबाजार अभियान को लेकर पुलिस ने काफी तैयारी की थी. पांच स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. साथ ही रैफ व वाटर कैनन वाहनों को भी रखा गया था.
लाठीचार्ज के बाद धरना-प्रदर्शन
वामपंथी रैली को रोकने के लिए पुलिस के बर्बर लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए बिमान बसु ने आरोप लगाया है कि पुलिस राज्य के सत्तारूढ़ दल के इशारे पर कार्य कर रही है. इस घटना का विरोध पूरे राज्य में करने का उन्होंने आह्वान किया. घटना के विरोध में गणेश चंद्र एवेन्यू के निकट वामपंथी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गये. खबर लिखे जाने तक धरना जारी था. इस पूरे क्रम में महानगर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गयी.
क्या कहना है पुिलस का
लालबाजार में कोलकाता पुलिस के विशेष अतिरिक्त व संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) राजीव मिश्रा ने बताया कि पूरे कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने संयम के साथ काम किया है. वाम मोरचा समर्थक फियर्स लेन व बेंटिक स्ट्रीट क्रॉसिंग पर सड़क पर बैठ गये थे. इसके कारण अासपास के रास्तों में गाड़ियों की लंबी कतार लग रही थी. सड़क से हटने के लिए समर्थकों‍ को समझाने की कोशिश की गयी, लेकिन वे नहीं माने और पुलिस के साथ अभद्र आचरण करने के अलावा उनके ऊपर पत्थर व अंडा फेंकने लगे. अपने उपर पत्थर फेंकने से बचाव के तहत पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस घटना में कई आइपीएस अधिकारी व पुलिस कर्मचारी घायल हुए है. स्थानीय अस्पताल में सभी का इलाज किया जा रहा है. लालबाजार सूत्रों के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों को काम में बाधा देने व तनाव फैलाने की कोशिश के आरोप में अज्ञात वाम मोरचा समर्थकों के खिलाफ हेयर स्ट्रीट थाने में प्रथामिकी दर्ज होगी.
लालबाजार मार्च का एलान क्यों?
नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने, वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ता पर दर्ज झूठे मामलों को वापस लेने और विपक्षी दलों को सभा और रैली करने का अधिकार देने की मांग में कोलकाता पुिलस के मुख्यालय लालबाजार मार्च का एलान किया गया था.

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