कोलकाता / नयी दिल्ली. राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बीच टकराव की बातें सामने आयी हैं. मुख्यमंत्री ने बुधवार को राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्यपाल अपने दायरे (अधिकार क्षेत्र) से बढ़ कर काम कर रहे हैं.
नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में ममता ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था स्थानीय सरकार की जिम्मेदारी है. राज्यपाल ने बिना राज्य सरकार से संपर्क किये तीन अक्तूबर काे होनेवाले नगर निगम चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बल की मांग करते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. राज्य सरकार को इस बात की जानकारी भी उस समय मिली, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्य को पत्र लिखा गया.
इसी तरह से राज्य के अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसी को नहीं है. राज्यपाल द्वारा लिखा गया यह पत्र साबित करता है कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार के समानांतर एक और सरकार चला रही है, जिसकी बागडोर राज्यपाल को सौंपी गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल को केंद्र सरकार के पास पत्र लिखने से पहले राज्य सरकार से संपर्क करना चाहिए. राज्य सरकार से कानून-व्यवस्था पर रिपोर्ट लेनी चाहिए. सिर्फ विरोधी पार्टियों की मांग पर इस प्रकार का कदम उठाना सही नहीं है.
राज्यपाल ने किया है हस्तेक्षप
{शिक्षण संस्थाओं में बने आचार संहिता
{गैर कानूनी हथियार हों जब्त
{निकाय चुनाव में तैनात हो केंद्रीय बलों की तैनाती
राज्यपाल के संज्ञान में विरोधी दल ने लाये कई मुद्दे
{सारधा मामले में जेल में रहने के बावजूद परिवहन मंत्री मदन मित्रा अभी भी हैं मंत्री
{शिक्षण संस्थाओं व स्वायत शिक्षण संस्थाओं में सरकार का हस्तक्षेप
{तृणमूल समर्थित लोगों को शिक्षण संस्थाओं में नियुक्ति
{राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसक वारदातें
{पोर्ट की जमीन पर कब्जे के मामले में पुलिस की निष्क्रियता
गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं मुख्यमंत्री
कोलकाता / नयी दिल्ली. मुख्यमंत्री ने एक बार फिर केंद्र सरकार से बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए फंड की मांग की है. बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं. उनसे मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि बाढ़ से बंगाल के 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक एक रुपया भी मुआवजे के रूप में नहीं दिया है. अगस्त महीने में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलीं थी और उनसे मुआवजे के रूप में 22 हजार करोड़ रुपये की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था और प्रतिनिधि दल ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट भी सौंप दी है. इसके बाद भी कोई राहत नहीं दी गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार किसानों की मदद कर रही है. बाढ़ की वजह से 12 जिलों में रहनेवाले 52.83 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि आवंटित की है और किसानों में मुआवजा वितरण भी शुरू हो चुका है.