कोलकाता. मानवाधिकार संगठन द एसाेसिएशन फोर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के मामले में सीधे हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है.
संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के इस कदम के खिलाफ सीएबी मुख्यालय इडेन गार्डेंस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया आैर काले झंडे लहराते हुए उनके खिलाफ जम कर नारेबाजी की. गौरतलब है कि जगमोहन डालमिया की मौत के सिर्फ तीन दिन बाद ही मुख्यमंत्री ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व सीएबी के संयुक्त सचिव सौरभ गांगुली को सीएबी का अगला अध्यक्ष और जगमोहन डालमिया के बेटे अभिषेक डालमिया को नया संयुक्त सचिव बनाने की घोषणा की थी. इस एलान से पहले सौरभ आैर मुख्यमंत्री के बीच कई बार बैठक भी हुई थी. विरोध प्रदर्शन में शामिल एपीडीआर के महासचिव धीरज सेनगुप्ता ने कहा कि हम स्वायत्त खेल संस्थाओं में सरकार के हस्तक्षेप को खारिज करते हैं. हम सीएबी में मुख्यमंत्री के अध्यक्ष और संयुक्त सचिव को थोपने की निंदा करते हैं. हम लोग पहले भी इस तरह की घटनाएं देख चुके हैं, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने सीएबी के चुनाव में उस वक्त के पुलिस कमिश्नर को मैदान में उतारा था.
यह रुकना चाहिए. इसमें कोई शक नहीं की सौरव स्वाभाविक पसंद थे, लेकिन जिस तरीके से यह किया गया उससे गलत संदेश जाता है. वहीं एपीडीआर के उपाध्यक्ष रंजीत सुर ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने स्वायत्त खेल संघों में हस्तक्षेप कर भारी गलती की है. सरकार सीएबी को अपने सचिवालय से चलाना चाहती हैं. जिस तरह से सौरभ व अभिषेक की नियुक्ति की गयी है, वह पूरी तरह अलोकतांत्रिक है. तृणमूल सरकार जीवन के हर क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है, अगर यह सिलसिला यहीं नहीं रुका तो राज्य में कोई भी स्वायत्त संस्था बाकी नहीं बचेगी. श्री सुर ने कहा कि इस मामले में हस्तक्षेप के लिए हम लोग बीसीसीआइ आैर आइसीसी को पत्र लिख लिखेंगे, इसके साथ राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी को भी पत्र लिख कर उनसे भी इस मामले में मदद मांगी जायेगी.