इसे लेकर एटक समर्थित टैक्सी संगठन कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन तथा वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आर्डिनेशन कमेटी के कार्यकर्ता व पदाधिकारियों में असंतोष है. एटक के वरिष्ठ नेता का दावा है कि परिवहन सचिव के साथ बैठक के दौरान जिस तरह से उनके संगठनों के नेताओं की अवहेलना की गयी तथा उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. उन लोगों की मांगों व बातों को दबाया गया और पहले आंदोलन की घोषणा की गयी और उसके बाद स्थगित कर दिया गया, हालांकि उन लोगों की कोई भी मांगें पूरी तरह से नहीं मानी गयी हैं.
पूर्व की तरह ही उन लोगों को केवल आश्वासन ही मिला है. इससे टैक्सी चालकों में असंतोष है. एटक समर्थित कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव तथा वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-आर्डिनेशन कमेटी के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि उन लोगों ने टैक्सी आंदोलन को मजबूत करने के उद्देश्य से एकजुट होकर लड़ाई करने का फैसला किया था, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इससे टैक्सी आंदोलन को और भी क्षति पहुंच रही है तथा टैक्सी चालकों व उनके समर्थकों की अवेहलना की जा रही है. ऐसी स्थिति में वे लोग संयुक्त रूप से टैक्सी आंदोलन को लेकर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य हुए हैं, हालांकि इस संबंध में फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. रविवार को एटक कार्यालय में टैक्सी संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है. उस बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी. उस बैठक में ही यह फैसला लिया जायेगा कि आंदोलन संयुक्त रूप से होगा या एटक अकेले आंदोलन करेगी.