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तस्करी के लिए लाये गये थे 62 बच्चे!
पुलिस का दावा सियालदह में जीआरपी ने इन्हें बरामद किया था छोड़ने की मांग को लेकर हुआ था प्रदर्शन कोलकाता/मालदा : महानगर के सियालदह स्टेशन से बरामद 62 बच्चों को मंगलवार को ट्रेन से मालदा लाया गया. मालदा टाउन स्टेशन की जीआरपी व जिला पुलिस की पहल पर बरामद 62 बच्चों को वापस बिहार भेजने […]
पुलिस का दावा
सियालदह में जीआरपी ने इन्हें बरामद किया था
छोड़ने की मांग को लेकर हुआ था प्रदर्शन
कोलकाता/मालदा : महानगर के सियालदह स्टेशन से बरामद 62 बच्चों को मंगलवार को ट्रेन से मालदा लाया गया. मालदा टाउन स्टेशन की जीआरपी व जिला पुलिस की पहल पर बरामद 62 बच्चों को वापस बिहार भेजने की व्यवस्था की गयी. बरामद बच्चों की उम्र 10 से 14 साल के बीच है.
पुलिस ने दावा किया कि इन्हें दूसरे राज्य में तस्करी के लिए लाया गया था. इंग्लिशबाजार थाने के आइसी दिलीप कर्मकार ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ दो बसों में 62 बच्चों को बिहार के पूर्णिया में भेजने की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने दावा किया कि इन बच्चों को तस्करी के इरादे से बिहार से कोलकाता होते हुए महाराष्ट्र भेजने की योजना थी. इनसे पूछताछ में विरोधाभास पाया गया. साथ ही इन बच्चों को कहीं भी ले जाने से संबंधित आवश्यक दस्तावेज नहीं होने के कारण ही इस जत्थे पर जीआरपी को शक हुआ था.
गौरतलब है कि संदेह के आधार पर सियालदह जीआरपी द्वारा रविवार को बिहार से महाराष्ट्र ले जा रहे 62 बच्चों को रोकने और कागजात के अभाव में सभी बच्चों को होम में भेजने के विरोध में सोमवार को राजाबाजार, पार्क सर्कस और मल्लिक बाजार में दोपहर के बाद कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
इन इलाकों में हुए अवरोध के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतार देखी गयी थी. यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी. अवरोध के बाद प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि जल्द से जल्द इन बच्चों को महाराष्ट्र या बिहार भेज दिया जाये.
प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने पार्क सर्कस में एक वाहन में तोड़फोड़ भी की.
पूरे मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन समर्थक अपनी मांग पर अड़े थे. देर रात 10.30 बजे तक इन इलाकों में प्रदर्शनकारियों का अवरोध जारी रहा.
क्या है घटना
सियालदह स्टेशन से रविवार सुबह सहरसा-सियालदह हाटे बाजार एक्सप्रेस से 62 बच्चों को ट्रेन से उतरते देख जीआरपी को शक हुआ. जीआरपी ने सभी बच्चों को कब्जे में लेकर चाइल्ड होम भेज दिया.
जीआरपी ने जब बच्चों के साथ मौजूद एक शख्स मोहम्मद शेख से पूछताछ की, तो उसने बताया कि बिहार के कटिहार इलाके के एक मदरसे में पढ़नेवाले इन सभी छात्रों को वह महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित एक मदरसे में ले जा रहा है.
उसने खुद को बिहार के कटिहार जिले का रहनेवाला व वहां का मौलवी बताया था. मोहम्मद शेख शनिवार को मदरसे के छात्रों के साथ बिहार के कटिहार स्टेशन से सहरसा-सियालदह हाटेबाजार एक्सप्रेस में सवार हुए था. सियालदह से उसे सतारा जानेवाली ट्रेन में सवार होना था. उसने बताया कि सभी बच्चे सतारा के एक मदरसे में तालीम के सिलसिले में जा रहे हैं.
बच्चों को संदेह के आधार पर चाइल्ड होम भेज दिया गया. वहीं, चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के अधिकारियों का कहना है कि उन पर बच्चों को छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा था.
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