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राशन दुकानों में बाजार से अधिक कीमत पर बिक रहा सामान
300 करोड़ की सब्सिडी कहां गयी, राशन डीलरों का सवाल घटिया माल बेचने के लिए दबाव डालने का लगाया आरोप कोलकाता : राशन डीलरों के संगठन बंगाल फेयर प्राइस शॉप डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि रमजान के महीने में उपभोक्ताओं को बाजार से अधिक कीमत पर चीनी, तेल और चने बेचे गये. […]
300 करोड़ की सब्सिडी कहां गयी, राशन डीलरों का सवाल
घटिया माल बेचने के लिए दबाव डालने का लगाया आरोप
कोलकाता : राशन डीलरों के संगठन बंगाल फेयर प्राइस शॉप डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि रमजान के महीने में उपभोक्ताओं को बाजार से अधिक कीमत पर चीनी, तेल और चने बेचे गये.
एक संवाददाता सम्मेलन में संगठन के महासचिव निमाई दास ने कहा कि रमजान के महीने में विशेष रूप से उपभोक्ताओं को राशन दुकानों के द्वारा चने, चीनी व सरसों का तेल उपलब्ध कराया गया. चीनी 28 रुपये प्रति किलो, चना 57.51 रुपये प्रति किलो और सरसो का तेल 99 रुपये प्रति लीटर दिया गया, जबकि बाजार में चीनी 24 रुपये, चना 40-45 रुपये प्रति किलो और सरसों का तेल 80-90 रुपये प्रति किलो की दर पर मिल रहा था. सबसे बड़ी बात यह है कि खाद्य विभाग ने यह दावा कि रमजान के महीने में उपभोक्ताओं को चीनी व चना उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है.
जब बाजार से अधिक कीमत पर माल बचे गया तो सब्सिडी की यह रकम कहां गयी. इसके जवाब में खाद्य विभाग पूरी तरह खामोश है.
श्री दास ने इलजाम लगाया कि राशन डीलरों को निम्नस्तरीय माल बेचने के लिए दबाव डाला जाता है.ऐसी कंपनियों के सरसों तेल बेचने के लिए हमें दिया जाता है, जिनका नाम भी हम लोगों ने कभी नहीं सुना है, जबकि उसी कीमत पर बाजार में अच्छी क्वालिटी के ब्रांडेड सरसों तेल उपलब्ध हैं. घटिया साबुन बेचने के लिए हमें मजबूर किया जाता है. वर्तमान में कोई बच्च शायद ही पेंसिल का इस्तेमाल करता है, पर हमें जबरदस्ती पेंसिल बेचने के लिए दिया जाता है.
श्री दास ने कहा कि सरकार हमें इतना कम कमीशन देती है कि हमारे लिए हमारे जीवन की गाड़ी खींचना मुश्किल हो रहा है.
चीनी व चावल में प्रति क्विंटल 50 रुपये तक एवं चीन में प्रति क्विंटल राशन डीलरों को 9-18 रुपये कमीशन देता है. इतने कम कमीशन में हमारे लिए व्यवसाय को चालू रखना संभव नहीं है. ऊपर से सरकार हमें गेहूं की जगह आटा बेचने के लिए कह रही है, जिसमें नुकसान है, क्योंकि अधिक दिन तक आटा रखने पर वह खराब हो जायेगा. उन्होंने कहा कि हमारी मांग राशन डीलरों की आमदनी सुनिश्चित कर उनकी हालत में सुधार लाना होगा.
संगठन ने निमाई चंद्र नस्कर ने कहा कि राशन डीलरों की बदतर स्थिति के मुद्दे पर बात करने के लिए हम लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के लिए समय की मांग की, पर उनके पास मुंबई, सिंगापुर व लंदन जाने के लिए तो समय है, पर हमारे लिए उनके पास फुरसत नहीं है.
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