मंगलवार को इस मामले की हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्ष की सुनवाई के दौरान कुणाल घोष की जमानत याचिका को खारिज कर दी और उसे आगामी तीन अगस्त तक उसे जेल हिरासत में रखने का निर्देश दे दिया. सुनवाई के लिए कुणाल घोष को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रुद्र प्रसाद राय की अदालत में पेश किया गया, जहां कुणाल ने दावा किया कि सोमवार से उस वक्त तक के लिए उन्होंने आमरण अनशन शुरु किया है जब तक उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती जिन्होंने सारधा ग्रुप से लाभ उठाये है.
कुणाल के जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआइ के तरफ से उनके वकील ने बताया कि कुणाल के बाहर निकलने पर जांच प्रभावित हो सकती है. इसके कारण उन्हें जमानत नहीं दी जाय, सारधा मामले की जांच अभी भी जारी है. इस पर कुणाल ने जवाब देते हुए कहा कि मंगलवार को होने वाली तृणमूल की सभा में कई ऐसे नेता व मंत्री मंच पर दिखेंगे जो सारधा मामले में सीधे तौर पर जुड़े हैं. सीबीआइ को उनका प्रभाव क्यों नहीं दिखता. दोनों तरफ की बातों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने उनके आवेदन को खारिज करते हुए उनकी न्यायिक हिरासत तीन अगस्त तक के लिए बढ़ा दी.