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रोजवैली के 3000 बैंक खातों का पता चला

कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पूर्वी भारत की सबसे बड़ी चिटफंड कंपनी की संपत्तियों का ब्योरा लगभग तैयार कर लिया है. निदेशालय के एक अधिकारी के अनुसार, रोजवैली कंपनी के तीन हजार से भी अधिक बैंक खातों का पता चला है. कंपनी की चल-अचल संपत्तियों का भी विस्तृत ब्योरा तैयार कर लिया गया है. सूत्रों […]

कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पूर्वी भारत की सबसे बड़ी चिटफंड कंपनी की संपत्तियों का ब्योरा लगभग तैयार कर लिया है. निदेशालय के एक अधिकारी के अनुसार, रोजवैली कंपनी के तीन हजार से भी अधिक बैंक खातों का पता चला है. कंपनी की चल-अचल संपत्तियों का भी विस्तृत ब्योरा तैयार कर लिया गया है.
सूत्रों के अनुसार, कंपनी के पास 12 राज्यों में 700 एकड़ से अधिक जमीन, 23 होटल और लगभग 150 गाड़ियां होने का पता चला है. रोजवैली के मुख्य प्रबंध निदेशक सह मालिक गौतम कुंडू के उपयोग के लिए आधा दर्जन अधिक विदेशी कारें रखी गयी थीं. केंद्र सरकार की ओर से पिछले वर्ष 15 हजार करोड़ के निवेश घोटाले को लेकर रोजवैली का जिक्र किया गया था. यह पूर्वानुमान अब लगभग सही साबित होता दिख रहा है.
इडी की जांच में यह सामने आया है कि कुंडू का साम्राज्य पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, बिहार, असम, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर, झारखंड और आंध्र प्रदेश तक फैला था. इडी अधिकारियों का दावा है कि कुंडू के पास कम से कम 1000 एकड़ जमीन हो सकती है.
जांच एजेंसी जमीनों में हुए कुंडू के निवेश की तहकीकात कर रही है. अब तक लगभग 700 एकड़ जमीन रोजवैली के पास होने की जानकारी मिली है. यह भी पता चला है कि गौतम कुंडू के पास जयपुर, जलपाईगुड़ी, पूर्व मेदिनीपुर, सिलीगुड़ी और कोलकाता में 23 होटल हैं. उसने कोलकाता में सात आलीशान मकान के साथ रांची में 6000 वर्गफिट का बंगला बनवा रखा है. गौतम के पास सोने और हीरे की कई दुकानें भी हैं. रोजवैली ग्रुप ऑफ कंपनीज ने पिछले कुछ सालों में लगभग 15,400 करोड़ रु पये निवेशकों से जुटाए थे. यह रकम चिटफंड कंपनी सारधा की तरफ से बंगाल, बिहार, ओड़िशा और असम के लोगों से जुटायी गयी रकम से कम से कम छह गुना ज्यादा है. प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के सॉफ्टवेयर और बैंक डाटा को एक्सेस कर लिया है. इससे पता चला है कि समूह ने अपनी स्कीमों की मेच्योरिटी पर सिर्फ 900 करोड़ रु पये ही निवेशकों को वापस लौटाये थे.
कौन है गौतम कुंडू
रोजवैली की शुरूआत त्रिपुरा से हुई थी. वहां गौतम कुंडू के भाई काजल कुंडू ने कंपनी की शुरु आत की थी. भाई की मौत के बाद गौतम कुंडू कोलकाता आ गया और दमदम स्थित एक गैराज में काम करने लगा. इसी दौरान उसने कुछ चिटफंड कंपनियों के एजेंट के तौर पर काम शुरू किया. इसके बाद उसने खुद की कंपनी खोल ली और भोले-भाले निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का प्रलोभन देकर पैसा जुटाने लगा.

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