कोलकाता: राज्य सरकार के अधीन की बिजली उत्पादन करनेवाली कंपनी पश्चिम बंगाल ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (डब्लूबीपीडीसीएल) ने पूर्व मेदिनीपुर स्थित कोलाघाट ताप विद्युत केंद्र का पुनर्विकास करने की योजना बनायी है और इसके लिए राज्य सरकार ने 1000 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. इस राशि के लिए राज्य सरकार विश्व बैंक से भी बातचीत कर रही है. गौरतलब है कि कोलाघाट ताप विद्युत केंद्र में छह बिजली उत्पादन यूनिट हैं, जहां कुल 1260 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है.
इस संबंध में राज्य के बिजली विभाग के सचिव मलय दे ने कहा कि इस बिजली उत्पादन केंद्र की तीन यूनिट 25 वर्ष से भी पुरानी है, इसलिए इसकी उत्पादन क्षमता धीरे-धीरे कम हो गयी है और साथ ही यहां से प्रदूषण भी काफी फैलता है. इसलिए इन तीन यूनिटों का पुनर्विकास करना बहुत जरूरी है. इस योजना के लिए डीपीआर बनाने का काम पूरा हो चुका है और विश्व बैंक से फंडिंग के लिए बातचीत की जा रही है. 2014 के प्रथम में इस योजना के लिए निविदा बुलायी जायेगी और इस योजना पर काम पूरा करने के लिए कम से कम दो वर्ष का समय लगेगा. राज्य सरकार ने 2017 से पुन: इन तीन यूनिटों में बिजली उत्पादन शुरू करना चाहती है.
दो वर्षो तक इन तीन यूनिट बंद होने से बिजली समस्या हो सकती है, इसके लिए भी राज्य सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली है. कंपनी के अधीन की सागरदीघि स्थित पावर प्लांट से करीब 1000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जायेगी, इसके अलावा डीपीएल से 250 मेगावाट व हल्दिया में सीईएससी की दो उत्पादन यूनिट से 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जायेगी, इससे राज्य में बिजली संबंधी किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी.