कोलकाता : भारतीय दंड संहिता की धारा 498(अ) का विवाहित पुरुषों के खिलाफ दुरुपयोग किये जाने की वजह से भारत में हर नौंवे में मिनट में एक विवाहित पुरुष आत्महत्या करता है. इस संदर्भ में आयी रिपोर्ट के अनुसार, इन आत्महत्याओं के कारण मरनेवालों की संख्या प्रति वर्ष 64 हजार पहुंच गयी है.
हृदय–नेस्ट ऑफ फैमिली हारमोनी नामक गैर सरकारी संगठन के अध्यक्ष डीएस राव सर्वेक्षण के हवाले से कहते हैं, ‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े विवाहित महिलाओं की तुलना में विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या के ज्यादा मामले दर्शाते हैं. इस साल आत्महत्या करनेवाली विवाहित महिलाओं की संख्या 32 हजार थी.’
धारा 498 (अ) के अनुसार, यदि किसी महिला का पति या उसका कोई संबंधी उसके साथ निर्मम व्यववहार करता है, तो उसे कम से कम तीन साल के लिए कैद की सजा दी जायेगी और उस पर जुर्माना भी लगाया जायेगा. राव ने कहा कि 498 (अ) के दुरुपयोग और पारिवार का सदस्य होने के नाते उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराये जाने के कारण बूढ़े माता–पिता और पुरुष के अन्य संबंधियों को भी कष्ट ङोलना पड़ता है.