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कंकाल कांड : पुलिस के हाथ लगी एक और डायरी
कोलकाता : शेक्सपीयर सरणी इलाके के रॉबिंसन स्ट्रीट स्थित मकान में हुए कंकाल कांड में कानूनी अड़चन के कारण देबयानी दे के कंकाल को शुक्रवार को चंडीगढ़ नहीं भेजा जा सका. अदालत से इसकी इजाजत मांगी गयी है, इजाजत मिलते हीं उसके कंकाल को चंडीगढ़ भेज दिया जायेगा. शुक्रवार को पार्थ के पिता अरविंद दे […]
कोलकाता : शेक्सपीयर सरणी इलाके के रॉबिंसन स्ट्रीट स्थित मकान में हुए कंकाल कांड में कानूनी अड़चन के कारण देबयानी दे के कंकाल को शुक्रवार को चंडीगढ़ नहीं भेजा जा सका. अदालत से इसकी इजाजत मांगी गयी है, इजाजत मिलते हीं उसके कंकाल को चंडीगढ़ भेज दिया जायेगा.
शुक्रवार को पार्थ के पिता अरविंद दे व उसकी बहन देबयानी दे के कंकाल का सैंपल डीएनए जांच के लिए बेनियापुकुर स्थित फॉरेंसिक साइंस के लेबोरेटरी में भेज दिया गया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को पार्थ दे (45) के घर में तलाशी के दौरान उसके हाथों की लिखी गयी एक और डायरी पुलिस के हाथ लगी. पुलिस ने बताया कि इस डायरी को लिखने के दौरान पार्थ दे ने इसमें काफी रंगों का इस्तेमाल किया है. इसमें काफी चित्रकारी और काटरून भी उसने बनाये हैं. इस डायरी को उसने फरवरी से मई तक लिखा था. पार्थ ने डायरी में अपनी दीदी को भगवान मानने की बात का उल्लेख किया है. डायरी में पार्थ ने कहा है कि मेरा सौभाग्य है कि मैं इस दुनिया में ऐसे इनसान के साथ रह रहा हूं जो साक्षात भगवान का रूप है.
गीत संगीत के प्रति दीदी की रुचि को देखते हुए अपने फ्लैट में पार्थ ने एक स्टूडियो बनाने का निर्णय लिया था, इसके लिए उसने तैयारियां भी शुरू कर दी थी, लेकिन अकस्मात दीदी की मौत होने से वह सदमें में आ गया था. इसका जिक्र उसने इस डायरी में किया है. पुलिस के मुताबिक पार्थ को अपने पिता अरविंद दे द्वारा प्रॉपर्टी बेचने की जानकारी थी जिसका उल्लेख उसने इस डायरी में किया है. पुलिस इस मामले के हर पहलुओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.
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