गांव के घर में उसकी मां सुशीला जाना और दूसरी पत्नी शंकरी जाना बच्चों के साथ रहती थी. एक दिसंबर 2006 को दीप्तेश शाम को मैदान से खेल कर लौटा, लेकिन सात वर्षीय तृप्तेश के घर नहीं लौटने पर घरवालों तथा गांव के लोगों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. कहीं न मिलने पर सौतेली मां शंकीर के रूम की तलाशी गांववालों ने ली. वहां तृप्तेश का शव पड़ा हुआ था. शंकरी ने स्वीकार किया कि उसने ही तृप्तेश की गला दबा कर हत्या की थी.
Advertisement
बेटे की हत्या के जुर्म में सौतेली मां को उम्रकैद
हल्दिया. सौतेले बेटे की हत्या के जुर्म में सौतेली मां को कांथी महकमा अदालत के अतिरिक्त जिला व सेशन जज सुकुमार राय ने उम्रकैद की सजा सुनायी और पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. सरकारी वकील कुहक मंडल ने बताया कि खेजुरी थाना इलाके के कामरदा अंचल के बांसगोड़ा गांव के दीपक जाना ने पहली […]
हल्दिया. सौतेले बेटे की हत्या के जुर्म में सौतेली मां को कांथी महकमा अदालत के अतिरिक्त जिला व सेशन जज सुकुमार राय ने उम्रकैद की सजा सुनायी और पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. सरकारी वकील कुहक मंडल ने बताया कि खेजुरी थाना इलाके के कामरदा अंचल के बांसगोड़ा गांव के दीपक जाना ने पहली पत्नी के निधन के बाद दो नाबालिग बेटों दीप्तेश व तृप्तेश की देखभाल के लिए दूसरी शादी की.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement