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मदन तामांग हत्याकांड: गोजमुमो नेताओं ने की आपात बैठक, चाजर्शीट के बाद पहाड़ पर खलबली

सिलीगुड़ी. अखिल भारतीय गोरखा लीग नेता मदन तामांग की हत्या मामले में चाजर्शीट दायर होने के बाद पूरे दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में खलबली मच गयी है. इस चाजर्शीट में गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) सुप्रीमो तथा जीटीए चीफ विमल गुरुंग सहित गोजमुमो के 23 नेताओं का नाम है. गोजमुमो के तमाम आला नेताओं के नाम इस […]

सिलीगुड़ी. अखिल भारतीय गोरखा लीग नेता मदन तामांग की हत्या मामले में चाजर्शीट दायर होने के बाद पूरे दाजिर्लिंग पर्वतीय क्षेत्र में खलबली मच गयी है. इस चाजर्शीट में गोरखा जनमुक्ति मोरचा (गोजमुमो) सुप्रीमो तथा जीटीए चीफ विमल गुरुंग सहित गोजमुमो के 23 नेताओं का नाम है. गोजमुमो के तमाम आला नेताओं के नाम इस चाजर्शीट में है.

यहां तक की विमल गुरुंग की पत्नी आशा गुरुंग भी मदन तामांग हत्याकांड के लपेटे में आ गयी हैं. चार्जशीट में उनका भी नाम है. रोशन गिरि, विनय तामांग, रमेश आले, हर्क बहादुर छेत्री जैसे गोजमुमो के तमाम नेता मदन तामांग हत्याकांड मामले में आरोपी है. पूरे पर्वतीय क्षेत्र में इसी चार्जशीट को लेकर चर्चा की जा रही है. राजनीतिक हलकों से लेकर आम लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. इसके साथ ही तमाम आरोपियों की गिरफ्तारी की अटकलें भी तेज हो गयी हैं. विमल गुरुंग सहित मदन तामांग हत्याकांड के तमाम आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं. जमानत पर रहते तत्काल इनके गिरफ्तारी की संभावना नहीं है. आने वाले दिनों में जब इस केस की सुनवाई होगी, तो इनलोगों की जमानत निरस्त की जा सकती है और इनकी गिरफ्तारी हो सकती है. इस बीच चार्जशीट दायर होने के बाद गोजमुमो ने दार्जिलिंग में एक आपात बैठक की. इसमें तमाम आला नेता शामिल हुए.

हालांकि कोई भी इस मामले में खुल कर कुछ भी नहीं बोल रहा है. गोजमुमो नेताओं का कहना है कि वे लोग चार्जशीट की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. चार्जशीट की कॉपी मिलने के बाद ही वह इस पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं. दूसरी ओर, चार्जशीट दायर होने के बाद पहाड़ पर गोजमुमो के अस्तित्व को लेकर भी संकट पैदा हो गया है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विमल गुरुंग सहित गोजमुमो के तमाम आला नेताओं की गिरफ्तारी की स्थिति में पार्टी को जोरदार राजनीतिक धक्का लगेगा. ऐसी स्थिति में पहाड़ पर अशांति की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि गोजमुमो नेताओं की गिरफ्तारी की स्थिति में पहाड़ पर एक बार फिर अशांति की स्थिति पैदा हो सकती है. दूसरी तरफ, विरोधियों ने चार्जशीट दायर होने के बाद गोजमुमो पर हमला तेज कर दिया है. खास कर अखिल भारतीय गोरखालीग ने गोजमुमो के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. मदन तामांग इस पार्टी के संस्थापक थे. मदन तामांग की पत्नी भारती तामांग ने चार्जशीट दायर होने के बाद सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. यहां उल्लेखनीय है कि 21 मई 2010 को दार्जिलिंग के अपर क्लबसाइड रोड पर अभागोली के 62वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के आयोजन के दौरान सुबह नौ बजे पार्टी अध्यक्ष मदन तामांग की सरेआम हत्या कर दी गयी थी.

इस घटना के बाद गोरखालीग के नेता लक्ष्मण प्रधान ने गोजमुमो सुप्रीमो विमल गुरुंग, रोशन गिरि समेत मोरचा के कई नेताओं के खिलाफ दार्जिलिंग थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. उस दौरन राज्य के तत्कालीन वाम मोरचा सरकार ने सीआइडी जांच के निर्देश दिये थे. तब सीआइडी ने मोरचा नेता निकल तामांग समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. 19 अगस्त 2010 को निकल तामांग पिंटेल विलेज से सीआइडी की हिरासत से भाग गया था. इसके बाद सीआइडी ने दार्जिलिंग अदालत में 30 लोगों के खिलाफ प्राथमिक चार्जशीट दायर कर दी थी. उसके बाद मदन तामांग के परिवार की याचिका पर इस मामल की जांच सीबीआइ को सौंपा गया.जांच के बाद सीबीआइ ने जो पहली चाजर्शीट दायर की उसमें मोरचा के शीर्ष नेताओं के नाम नहीं थे.

इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था.गोरखालीग ने सीबीआइ द्वारा दायर चाजर्शीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. गोरखलीग ने मामले को दार्जिलिंग अदालत से कलकत्ता अदालत ले जाने का आवेदन सुप्रीम कोर्ट से किया. नवंबर 2013 को अदालत के निर्देश पर मामले को कलकत्ता अदालत में ले जाया गया. साथ ही दार्जिलिंग के संशोधनागार में कैद इस मामले के 13 लोगों को दार्जिलिंग से कोलकाता के प्रेसिडेंसी जेल में स्थानांतरित किया गया. बाद में सभी 13 आरोपी जमानत पर रिहा हो गये. जबकि इन्हें नगर दायरा अदालत की ओर से दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी व सिक्किम में नहीं प्रवेश करने का निर्देश दिया गया था. शुक्रवार को सीबीआइ के जांच अधिकारी पुष्कर पाल ने मदन तामांग हत्याकांड का अंतिम चार्जशीट नगर दायरा अदालत में पेश किया. उनके द्वारा पेश किये गये चार्जशीट में 23 लोगों का नाम दर्ज है. इनमें जीटीए चीफ विमल गुरुंग, मोरचा महासचिव रोशन गिरि, नारी मोरचा सुप्रीमो आशा गुरुंग, कालिम्पोंग के विधायक डॉ हर्क बहादुर छेत्री, जीटीए के चेयरमैन भूपेंद्र प्रधान, जीटीए के डिप्टी चीफ कर्नल रमेश आले, विनय तामांग, दिनेश सिंह, देवेंद्र शर्मा समेत 23 लोगों के नाम हैं. इधर,गोरखालीग के महासचिव प्रताप खाति ने बताया कि जिनलोगों के खिलाफ हमने पहले ही आरोप लगाया था, उनके खिलाफ ही सीबीआइ ने चार्जशीट जमा किया है. सीबीआइ की भूमिका से हम खुश है. अब जल्द 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर ट्रायल शुरू करनी होगी. क्योंकि विमल गुरुंग, रोशन गिरी, हर्क बहादुर छेत्री प्रभावशाली नेता हैं. ये लोग केंद्र व राज्य के मंत्री, राष्ट्रपति व राज्यपाल के साथ बैठक कर रहे हैं. चार्जशीट के बाद भी अगर इनकी गिरफ्तारी नही हुई तो ये लोग मामले को प्रभावित कर सकते हैं या फिर गवाहों को धमकी देकर जांच प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने प्रत्येक गवाहों की सुरक्षा की मांग की.

भाजपा गोजमुमो के साथ: भाजपा के राज्य अध्यक्ष राहुल सिन्हा का कहना है कि किसी भी नेता के खिलाफ चार्जशीट दायर हो जाने से वह दोषी नहीं हो जाता. उनके खिलाफ भी तीन चार्जशीट दायर है. इसका मतलब यह नहीं कि वह दोषी है. राहुल सिन्हा आज सिलीगुड़ी जर्नालिस्ट क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर बनी हुई है और कोर्ट के आदेश पर ही सीबीआइ ने जांच कर अब चार्जशीट दाखिल किया है. गोजमुमो, एनडीए का घटक दल है. ऐसे में वह गोजमुमो का साथ नहीं छोड़ सकते. उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा.
मुख्य आरोपी अभी भी लापता: जांच के शुरूआती क्रम में सीआइडी ने मोरचा नेता तथा विमल गुरुंग का करीबी निकल तामांग समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया था. 19 अगस्त 2010 को निकल तामांग पिंटेल विलेज से सीआइडी की हिरासत से भाग गया था.उसके बाद से लेकर अबतक उसका कोइ अता पता नहीं है. आरोप है कि उसी ने मदन तामांग की हत्या की थी.

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