कोलकाता/खड़गपुर. मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आइआइटी निदेशकों की चयन प्रक्रिया पर परमाणु वैज्ञानिक अनिल काकोदर के विचारों को खारिज कर दिया है. मानव संसाधन विकास मंत्रलय के साथ मतभेदों के बाद मार्च में आइआइटी बंबई के संचालक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देनेवाले काकोदकर ने कहा था कि इन प्रतिष्ठित संस्थानों में निदेशकों को चुनने की प्रक्रिया अनौपचारिक प्रकृति की है.
ईरानी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उस तरह के आरोपों का मैं कड़ा विरोध करती हूं. कागजों से स्पष्ट है कि नियमों के मुताबिक कानूनी ढांचे में हर काम हुआ. ईरानी ने कहा कि आइआइटी के विजिटर भारत के राष्ट्रपति कार्यालय पर इस तरह के आरोप लगाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
काकोदर का कार्यकाल इस वर्ष मई में खत्म हो रहा था और वह तब तक पद पर बने रहने को सहमत हो गये थे. आइआइटी दिल्ली के निदेशक आर शेवगांवकर ने पिछले वर्ष दिसंबर में मानव संसाधन विकास मंत्रलय के कथित दबाव में पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका दो वर्षो का कार्यकाल बचा हुआ था. निदेशकों की नियुक्ति तीन आइआइटी-आइआइटी भुवनेश्वर, आइआइटी पटना और आइआइटी रोपड़ से जुड़ा हुआ था, जिसकी प्रक्रिया अब पूरी हुई है.