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मालदा में एक और किसान ने कर ली आत्महत्या

मालदा. आलू किसानों द्वारा आत्महत्या की खबर के बाद अब एक धान किसान के आत्महत्या की खबर सामने आयी है. धान की फसल में भारी नुकसान की वजह से एक किसान ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली. मृत किसान का नाम जमीरूद्दीन शेख (45) बताया गया है. उसने शनिवार की रात 9 बजे कीटनाशक पी […]

मालदा. आलू किसानों द्वारा आत्महत्या की खबर के बाद अब एक धान किसान के आत्महत्या की खबर सामने आयी है. धान की फसल में भारी नुकसान की वजह से एक किसान ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली. मृत किसान का नाम जमीरूद्दीन शेख (45) बताया गया है. उसने शनिवार की रात 9 बजे कीटनाशक पी ली थी. चांचल महकमा के पुकुरिया थाना अंतर्गत संबलपुर ग्राम पंचायत के दुमाली गांव के रहने वाले उस किसान को नाजुक स्थिति में अस्पताल में भरती कराया गया, जहां रात 11 बजे उसकी मृत्यु हो गयी.

परिवार वालों का आरोप है कि मृत किसान ने पहले आलू की खेती की थी. आलू की खेती के लिए उसने साहूकार से 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था. आलू की खेती में नुकसान के बाद उसने धान की खेती कर नुकसान को पाटने की कोशिश की थी. लेकिन धान की खेती में भी उसे काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. इससे हताश उसने आत्महत्या के लिए कीटनाशक पी ली थी. बाद में मालदा मेडिकल कॉलेज में उसकी मौत हो गयी. इस बीच, जिले में एक और किसान की मौत की घटना के बाद पूरे राजनैतिक हलके में घमसान मचा हुआ है. वाम संगठनों ने प्रशासन तथा राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है. इन लोगों ने मृत किसान के परिवार वालों को मुआवजा देने की मांग की है. दूसरी तरफ रथुआ दो ब्लॉक के बीडीओ मोहन मांझी का कहना है कि किसी किसान के आत्महत्या की खबर उनके पास नहीं है. वह इस मामले की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. पुलिस तथा मेडिकल सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, मृत किसान जमीरूद्दीन के परिवार में उसकी पत्नी जहांआरा बीवी, पुत्र अब्दुल कुदुस (22) तथा पुत्री सुल्ताना परवीन (18) है.

अब्दुल कुदुस अपने पिता के साथ मिलकर खेती का काम करता था. दूसरी तरफ पुत्री स्थानीय हाइ स्कूल में उच्च माध्यमिक की पढ़ाई कर रही है. प्राथमिक जांच के अनुसार जहर खाने की वजह से ही किसान की मौत हुई है. इधर, मृत किसान के भाई तमीरूद्दीन शेख ने बताया है कि चार बीघा जमीन लीज पर लेकर उसके भाई ने आलू तथा धान की खेती की थी. इसके लिए उसने एक साहूकार से 50 हजार रुपये उधार में लिये थे. एक बीघा जमीन में उसने आलू की खेती की थी, लेकिन उसे आलू की सही कीमत नहीं मिली. बाद में उसने धान की खेती शुरू कर दी. 21 मई को चांचल महकमा में भयानक आंधी-तूफान की वजह से उसके धान की खेती को भारी नुकसान पहुंचा. उसकी खेती पूरी तरह से तबाह हो गयी. उसके बाद से वह मानसिक रूप से परेशान रहता था. साहूकार को पैसे लौटाने की चिंता उसे सता रही थी. आखिरकार उसने कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली.

क्या कहते हैं विधायक

अखिल भारतीय संयुक्त किसान सभा के नेता तथा मालतीपुर के आरएसपी विधायक रहीक बक्सी ने कहा है कि खेती में नुकसान की वजह से ही उस किसान ने आत्महत्या कर ली है. 21 की आंधी-तूफान से काफी किसानों को नुकसान पहुंचा है. राज्य सरकार तथा प्रशासन ने किसानों को मुआवजा देने की कोई पहल नहीं की गई. उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही मृतक किसान के परिवार वालों से मिलेंगे. विधायक कोटे से जितना संभव हो सकेगा, वह मृतक के परिवार वालों की सहायता करेंगे. परिवार वालों को मुआवजा देने के लिए वह ब्लॉक प्रशासन के साथ बातचीत भी करेंगे.

और भी किसान कर चुके हैं आत्महत्या

यहां उल्लेखनीय है कि मालदा में इससे पहले भी कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं. चांचल तथा गाजोल ब्लॉक में आलू का दाम नहीं मिलने की वजह से कई किसान आत्महत्या कर चुके हैं. सरकारी तौर पर अभी तक किसानों कोई सहायता नहीं दी गयी है.

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