कोलकाता. यूं तो साल भर महानगर के फुटपाथों पर कटे हुए फल धड़ल्ले से बेचे जाते हैं, पर गरमी के मौसम में इसकी मांग काफी बढ़ जाती है. लोग फुटपाथों पर खुले में बेचे जा रहे कटे हुए फल के सेवन से होने वाले नुकसान को नजरअंदाज कर आराम से इसका सेवन करते हैं. कटे हुए फल से होने वाले नुकसान से लोगों को अवगत कराने के लिए कोलकाता नगर निगम का स्वास्थ्य व सफाई विभाग राज्य सरकार के क्रेता सुरक्षा विभाग के साथ मिल कर एक जागरूकता अभियान चलाने वाला है. निगम के स्वास्थ्य विभाग के मेयर परिषद सदस्य अथीन घोष ने बताया कि जून के पहले सप्ताह से इस अभियान को शुरू किया जायेगा, जो एक सप्ताह तक चलेगा. इस दौरान लोगों को यह बताने का प्रयास किया जायेगा कि फुटपाथों पर बेचे जाने वाले कटे हुए फल को खाना कितना खतरनाक है. श्री घोष ने बताया कि महानगर में केवल 5500 लोगों के पास खाद्य पदार्थ बेचने का लाइसेंस है, जो बेहद कम है. जबकि एक लाख लाइसेंस होना चाहिए था. श्री घोष ने बताया कि खाद्य कानून में हुए बदलाव में काफी छूट दी गयी है, इसके बावजूद लोग इसका फायदा नहीं उठा रहे हैं. पहले लाइसेंस की रजिस्ट्रेशन फीस 2000 रुपये थी. नये नियम के अनुसार इसे घटा कर मात्र सौ रुपये कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि हम लोग व्यवसायी समितियों के पास जायेंगे और उनसे लाइसेंस लेने का आह्वान करेंगे.
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कटे हुए फल के खिलाफ निगम चलायेगा जागरूकता अभियान
कोलकाता. यूं तो साल भर महानगर के फुटपाथों पर कटे हुए फल धड़ल्ले से बेचे जाते हैं, पर गरमी के मौसम में इसकी मांग काफी बढ़ जाती है. लोग फुटपाथों पर खुले में बेचे जा रहे कटे हुए फल के सेवन से होने वाले नुकसान को नजरअंदाज कर आराम से इसका सेवन करते हैं. कटे […]
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