मदन मित्रा की याचिका पर सोमवार को अलीपुर जिला अदालत में सुनवाई होनी थी. सीबीआइ ने आशंका व्यक्त की है कि जिला अदालत में शायद निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सके. सीबीआइ ने अनुरोध किया कि जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय सुनवाई करे. सीबीआइ की इस मामले को स्थानांतरित करने के आवेदन पर मंगलवार को हाइकोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है. मदन मित्रा की जमानत याचिका पर अलीपुर अदालत की जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सामने सुनवाई होनी थी.
मदन मित्रा को गत वर्ष 12 दिसंबर को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था. इससे पहले जिला अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. सीबीआइ के वकील मोहम्मद ए अली ने कहा कि सारधा मामले में जिला अदालत में देवव्रत सरकार को जमानत दी गयी और जो शर्ते लगायी गयी, वह अवैध हैं. शर्त में कहा गया था कि देवव्रत सरकार बाहर जा सकते हैं लेकिन उन्हें इसके लिए थाना प्रभारी या जांच अधिकारी की अनुमति लेनी होगी.
इसके अलावा पहले मदन मित्रा के मामले की सुनवाई 13 मई को होनी थी लेकिन बगैर कोई उपयुक्त कारण दिखाये मामले को पहले ले आया गया. सोमवार को जमानत याचिका पर सुनवाई में जिला अदालत में मेडिकल रिपोर्ट को पेश किया गया, जो अवैध है. सोमवार को सुनवाई में सीबीआइ ने जिला अदालत को सूचित किया कि मामले के स्थानांतरण के लिए उन्होंने उच्च अदालत में याचिका दायर की है लिहाजा सुनवाई स्थगित की जाये. सीबीआइ के अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित कर दिया गया.