कोलकाता: भले ही पूरा भारत महंगाई के शिकंजे में जकड़ा हुआ है और देशवासी महंगाई के बोझ तले दबे जा रहे हैं, पर इसका पर्व त्योहारों पर कोई फर्क होता नहीं दिख रहा है. पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा उत्सव दुर्गापूजा है. आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार चार दिनों तक धूम-धाम से मनायी जाने वाली दुर्गापूजा से जुड़ा बाजार 2015 तक 40,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है.
यह दावा उद्योग मंडल एसोचैम ने की है. एसोचैम के अनुसार फिलहाल दुर्गापूजा से जुड़ा उद्योग 25,000 करोड़ रुपये का है. एसोचैम द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे माल की लागत बढ़ने के मद्देनजर पिछले साल के मुकाबले इस साल पूजा आयोजन का खर्च 30 प्रतिशत से अधिक बढ़ जायेगा.
पंडाल उद्योग के 2013 में 35 प्रतिशत बढ़ कर 500 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है, जबकि 2012 में यह 350 करोड़ रुपये का था. एसोचैम के मुताबिक हर साल पश्चिम बंगाल में लगभग 10,000 दुर्गा पूजा पंडाल बनते हैं. मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण इस साल हर पंडाल का खर्च 20 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है.