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अवैध पटाखा फैक्टरी में धमाका, 12 की मौत
कोलकाता: पश्चिमी मेदिनीपुर के पिंगला स्थित ब्राह्मणबाग गांव में पटाखे की अवैध फैक्टरी में बुधवार रात जोरदार धमाका होने से 12 श्रमिकों की मौत हो गयी और छह से ज्यादा घायल हो गये. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. धमाके के बाद इलाके से भाग रहे कारखाने के मालिक रंजन माइति को पुलिस […]
कोलकाता: पश्चिमी मेदिनीपुर के पिंगला स्थित ब्राह्मणबाग गांव में पटाखे की अवैध फैक्टरी में बुधवार रात जोरदार धमाका होने से 12 श्रमिकों की मौत हो गयी और छह से ज्यादा घायल हो गये. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. धमाके के बाद इलाके से भाग रहे कारखाने के मालिक रंजन माइति को पुलिस ने गिरफ्तार कर किया है. कारखाने का मालिक इलाके का तृणमूल नेता बताया जाता है. विस्फोट इतना भयावह था कि श्रमिकों के चीथड़े उड़ गये. कहा जा रहा है कि फैक्टरी में पटाखा बनाने की आड़ में बम बनाया जाता था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की सीआइडी जांच का आदेश दिया है.
क्या है मामला: स्थानीय लोग बताते हैं कि गांव के बीच खुली जगह पर कारखाना चल रहा था. फैक्टरी में वास्तव में क्या बनाया जाता है, इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं थी. पूछने पर यहां काम करने वाले श्रमिक पटाखा बनाने की फैक्टरी बताते थे. कारखाने में अक्सर लॉरियों में विस्फोटक लादकर लाया जाता था और कथित तौर पर पटाखा बनाकर इन्हीं लॉरियों से ले जाया जाता था. बुधवार रात 10 बजे के करीब जोरदार धमाका सुन कर इलाके के लोग यहां आये तो कई श्रमिकों के चीथड़े उड़ गये थे.
धमाका इतना भयावह था कि श्रमिकों के कटे अंग पेड़ों पर लटके पड़े थे. मृतकों में कारखाने का प्रबंधन संभाल रहे लोग भी शामिल हैं. कारखाने के मालिक के पारिवारिक सदस्यों की भी मौत हुई है. गांव वाले बताते हैं कि यहां दूसरी जगहों से श्रमिकों को ला कर काम कराया जाता था, ताकि कारखाने के अंदर की गतिविधियों की किसी को जानकारी न हो सके. मृत श्रमिकों की शिनाख्त अब तक नहीं हो सकी है.
सूचना देने पर भी पुलिस ने नहीं की थी कोई कार्रवाई: इस घटना पर इलाके के लोगों का कहना है कि यहां कारखाने में होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी कई बार पुलिस को दी गयी थी. एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया था. लेकिन कारखाने में काम चलता रहा. घटना के बाद गुस्साये गांववालों ने फैक्टरी के मालिक के घर में तोड़फोड़ की.
फॉरेंसिक विभाग ने लिया घटनास्थल का दौरा: दोपहर को फॉरेंसिक विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची और जरूरी नमूने एकत्रित करने का काम शुरू कर दिया. जल्द इसकी रिपोर्ट जमा देने का निर्देश दिया गया है. पुलिस की लापरवाही को लेकर गांववालों में भारी नाराजगी है.
अन्य इलाकों की तलाशी: पुलिस के मुताबिक पिंगला के अलावा सबांग और बलियाचक जैसे आसपास के इलाकों में ऐसे अन्य पटाखा कारखानों की तलाश की जा रही है. कोलकाता में सीआइडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी का एक दल पिंगला जायेगा और एक केंद्रीय फोरेंसिक दल पहले ही वहां पहुंच चुका है.
विपक्ष ने सरकार को घेरा: इस बीच, कांग्रेस और भाजपा ने घटना के सिलसिले में एनआइए जांच की मांग की है. पड़ोसी सबांग से कांग्रेस विधायक मानस भुइंया ने मौके का मुआयना किया और एनआइए जांच की मांग की. इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिल चुके भुइंया ने कहा कि यह बात मुमकिन नहीं लगती कि पुलिस को अवैध पटाखा इकाई के होने का पता नहीं था. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने भी घटना की एनआइए जांच की मांग की. उन्होंने घटना में जमात-ए-इसलामी संगठन के शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को विस्फोट की जानकारी दे दी है. मुख्यमंत्री को केंद्र से विस्फोट की एनआइए जांच का अनुरोध करना चाहिए.’ माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि पार्टी को सीआइडी पर भरोसा नहीं है और वह अदालत की निगरानी में जांच चाहती है. माकपा पोलितब्यूरो के सदस्य मिश्र का आरोप है कि बंगाल में बम बनाने के कारखाने पनप रहे हैं वहीं तृणमूल कांग्रेस के शासन में अन्य कारखाने बंद हो गये हैं.
शवों की पहचान मुश्किल
पुलिस महानिरीक्षक (पश्चिमी रेंज) एसएन गुप्ता ने बताया कि विस्फोट स्थल से 12 क्षत-विक्षत शव मिले हैं, वहीं चार घायलों को अस्पताल में भरती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि यह पटाखा कारखाना अवैध था और विस्फोट बीती रात 10 बजने से कुछ देर पहले हुआ. शव इस कदर क्षत-विक्षत हो गये कि उनकी पहचान नहीं हो सकी और यहां तक पता करने में मुश्किल आ रही है कि उनमें पुरुष और महिला कौन हैं. जब गुप्ता से पूछा गया कि क्या घटना पिछले साल अक्तूबर में हुए बर्दवान विस्फोट की तरह है, जिसमें जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गये थे, तो उन्होंने नहीं में जवाब दिया और कहा, ‘यह आतिशाबजी कारखाने में घटी एक दुर्घटना है.’ एनआइए या अन्य किसी केंद्रीय जांच एजेंसी के मौके पर जाने या उनसे संपर्क करने के सवाल पर गुप्ता ने कहा, ‘सवाल ही नहीं उठता क्योंकि यह आतिशबाजी कारखाने में दुर्घटना का मामला है.’ स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार, फैक्टरी की देखभाल राम माइति (45) करता था. धमाके में राम माइति, उसकी पत्नी रीना माइति व पुत्र सुब्रोलो माइति की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. उसकी बेटी माम्पी माइति (14) ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. विस्फोट इतना जोरदार और शक्तिशाली था कि धमाके बाद श्रमिकों के शवों के चिथड़े पेड़ों और तालाब में पाये गये. फैक्टरी में काम करने वाले श्रमिक मुर्शिदाबाद के बताये जा रहे हैं. लेकिन घटनास्थल से उर्दू में लिखे कागजात और चेन्नाई की एक दुकान की रसीद भी पायी गयी है. फैक्टरी से माल लेने जाने वाली पिकअप वैन भी क्षतिग्रस्त हो गयी.
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