कोलकाता : दाजिर्लिंग में गोरखा जनमुक्ति मोरचा के आंदोलन (बंद) से राज्य सरकार को करीब 70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसलिए राज्य सरकार ने गोजमुमो से इस नुकसान की भरपाई करने की मांग करते हुए हाइकोर्ट में हलफनामा दायर किया है.
बंद का सबसे अधिक प्रभाव पर्यटन उद्योग पर पड़ा है, क्योंकि सिर्फ पर्यटन उद्योग को ही 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा चाय उद्योग को 20 करोड़ रुपये व अन्य सभी क्षेत्रों को मिला कर करीब 25 करोड़ रुपये की क्षति हुई है.
ऐसी ही जानकारी राज्य सरकार की ओर से कलकत्ता हाइकोर्ट में हलफनामा के माध्यम से दी गयी है.
राज्य सरकार ने बताया है कि अगस्त से गोजमुमो ने अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. तब से अब तक यहां जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है, जिस कारण यहां सभी कारोबार, यहां तक कि स्कूल व कॉलेज तक बंद हैं. गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को गोजमुमो द्वारा आहूत बंद से होने वाले नुकसान का ब्योरा देने का निर्देश दिया था.
हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा था कि बंद के दौरान राज्य सरकार को कितना नुकसान हुआ है, इसके साथ ही वहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए कितने अतिरिक्त पुलिस को तैनात किया गया है और इसके लिए कितने रुपये खर्च किये गये हैं, इसका ब्योरा भी जमा करने का निर्देश दिया था. हालांकि इस संबंध में हाइकोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया है.सोमवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ मामले की सुनवाई करेगी.