नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गयी. अग्निशमन उपकरणों के साथ पहुंची सेना की उस टीम में शामिल सेना के एक अधिकारी ने बताया कि हम लोग यहां फोर्ट विलियम से मिले निर्देश के बाद आग बुझाने के लिए आये हैं. हमारा मकसद राज्य दमकल विभाग की मदद करना है. यह इलाका सेना के अधिकार क्षेत्र में पड़ता है. हमारे पास इस प्रकार की आग की घटनाओं से निबटने की पर्याप्त क्षमता है. आग पर काबू पाने के काम में हम लोग राज्य दमकल विभाग से अधिक दक्ष हैं.
बड़ाबाजार स्थित नंदराम मार्केट में लगी भयावह आग पर काबू पाने में हम लोगों ने मदद की थी, पर राज्य दमकल विभाग हमें आग बुझाने के काम में हिस्सा लेने नहीं दे रहा है. दमकल विभाग के एक अधिकारी ने हमें चौरंगी रोड पर खड़े रहने के लिए कहा है और यह निर्देश दिया है कि जब हम कहेंगे, तब आप लोग घटनास्थल पर आयेंगे. दमकल विभाग के इस रवैये से नाराज होकर सेना की टीम अपनी दमकल की दो गाड़ियों के साथ वापस फोर्ट विलियम लौट गयी. मौके पर मौजूद निवर्तमान मेयर शोभन चटर्जी ने कहा कि ने दमकल विभाग आग पर काबू पा चुका है और हमें सेना की मदद की जरूरत नहीं है. श्री चटर्जी ने कहा कि हम लोगों ने सेना से मदद नहीं मांगी थी.
सेना किस के कहने या बुलावे पर आयी है, हमें इसकी जानकारी नहीं है. सेना की टीम उस वक्त पहुंची, जब आग पर काबू पाया जा चुका था. राज्य दमकल विभाग अपने काम में दक्ष है. जानकारों के अनुसार सेना और दमकल विभाग के बीच यह विवाद भविष्य में राज्य सरकार के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. सिटी मार्ट में लगी आग की भयावहता देख कर सेना ने स्वयं मदद का हाथ बढ़ाया था. पर दमकल विभाग ने उनके साथ जैसा व्यवहार किया है, उससे भविष्य में उनके लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है. भविष्य में अगर इस तरह की घटना हुई, तब मदद के लिए सेना से लिखित आवेदन करना होगा और उसमें काफी समय भी बर्बाद हो जायेगा.